'दिल्ली के शिक्षकों को वेतन भी नहीं..', हाई कोर्ट ने केजरीवाल सरकार को जमकर लताड़ा
'दिल्ली के शिक्षकों को वेतन भी नहीं..', हाई कोर्ट ने केजरीवाल सरकार को जमकर लताड़ा
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नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सरकारी स्कूल सिर्फ हेडमास्टर विहीन ही नहीं हैं। शिक्षकों के सामने तनख्वाह का भी संकट है। इस मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय ने भी प्रदेश की केजरीवाल सरकार को जमकर लताड़ा है। कोर्ट ने बुधवार (13 अप्रैल 2022) को कहा कि शिक्षक देश के भविष्य का निर्माण करते हैं। उनके साथ इस प्रकार का व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए। मामले पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने कहा कि पैसों की कमी की वजह से शिक्षकों को वेतन नहीं दिए जाने की दलील इस मामले में नहीं चल सकती। 

बता दें कि कोर्ट, शिक्षकों की तरफ से दाखिल की गई अवमानना याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। इनमें शिक्षकों ने छठे और सातवें वेतन आयोग के मुताबिक, वेतन का भुगतान न करने की शिकायत की है। कोर्ट ने शिक्षा निदेशालय व दिल्ली सरकार की तरफ से पेश वकील से कहा कि शिक्षकों के साथ इस किस्म का सलूक कैसे किया जा सकता है? वे देश के भविष्य का निर्माण करते हैं। शिक्षकों को वेतन देने के कोर्ट के आदेश की पूरी तरह अवहेलना हो रही है। उन्हें मुकदमा दाखिल करने के लिए विवश किया जाता है और फिर उन्हें शीर्ष अदालत में घसीटा जाता है।

मामले में आखिरी सुनवाई सोमवार (18 अप्रैल 2022) को की जाएगी। इस दिन दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय को उन सभी शिक्षकों की फेहरिस्त पेश करना होगा, जिनके तनख्वाह का भुगतान नहीं हुआ है। इसके साथ ही अदालत ने यह भी कहा कि वह यह बयान नहीं सुनना चाहती कि वह लागू कर रहे हैं। अदालत में दिल्ली सरकार का जवाब यह होना चाहिए कि उन्होंने लागू कर दिया है।  

दिल्ली के कई स्कूलों में प्रिंसिपल ही नहीं :- 

बता दें कि इससे पहले राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों में प्रिंसिपल के 824 खाली पदों पर केजरीवाल सरकार से स्पष्टीकरण देने के लिए कहा था। दरअसल, NCPCR ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों का दौरा करते हुए पाया है कि NCT सरकार के शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाले 1027 स्कूलों में से सिर्फ 203 में हेड मास्टर या कार्यवाहक हेड मास्टर मौजूद हैं। बाकी स्कूलों में हेडमास्टर का पद रिक्त है। NCPCR ने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव विजय देव से ऐसे पदों की रिक्तियों और शिक्षा विभाग द्वारा 19 अप्रैल तक की गई कार्रवाई के बारे में तथ्यात्मक स्थिति शेयर करने को कहा है। पत्र में NCPCR ने कहा है कि अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो की अगुवाई में एक टीम ने राष्ट्रीय राजधानी के कई स्कूलों का दौरा किया और बुनियादी ढाँचे एवं अन्य पहलुओं के संबंध में खामियाँ पाईं।

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