इस FATHERS DAY अपने पिता को समर्पित करें खास कविता
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पिता दिवस एक विशेष उत्सव है जो हर साल जून माह के तीसरे रविवार को मनाया जाता है। यह दिन पिताजी की महत्वपूर्णता को मान्यता देने और उनके संघर्षों, संघर्षों और प्यार के साथ मान्यता देने का एक अवसर है। पिताजी हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और हमें प्रेरित करते हैं। इस दिन हम पिताजी को आभार व्यक्त करते हैं, उन्हें आदर और प्यार दिखाते हैं और उनकी महत्वपूर्णता को समझते हैं। इस दिन परिवार आपस में मिलकर विशेष कार्यक्रमों, उपहारों और पिताजी के साथ समय बिताता है। यह दिन हमें पिताजी के प्रति आभार और प्रेम का अनुभव कराता है और हमें यह याद दिलाता है कि पिताजी हमारे लिए कितने महत्वपूर्ण हैं।

पिता दिवस का इतिहास एक मान्यता से जुड़ा हुआ है और इसकी उत्पत्ति कई परंपराओं और संस्कृतियों से जुड़ी हुई है। पहले पिता दिवस की मान्यता अमेरिका में हुई थी। सन् 1909 में वॉशिंगटन राज्य की एलीना स्मिथ द्वारा पिताजी के सम्मान में एक दिन की प्रतिष्ठा की गई थी। इसके बाद, 1910 में अमेरिकी राष्ट्रीय रंगमंच निर्देशक सोनोरा स्मार्ट डॉड ने इस विचार को बढ़ावा दिया और एक राष्ट्रीय स्तर पर पिता दिवस की मान्यता की मांग की। अंततः, 1972 में अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने आधिकारिक रूप से पिता दिवस की मान्यता की घोषणा की और यह दिन राष्ट्रीय तौर पर मनाया जाने लगा।

पिता दिवस के इतिहास में भारत में भी महत्वपूर्ण योगदान है। हर साल जून महीने के तीसरे रविवार को पिताजी के सम्मान में दिवस मनाया जाता है। यह एक अवसर है जब बच्चे अपने पिता के उपकार, प्यार और समर्पण का आभार व्यक्त करते हैं। पिता दिवस हमें यह याद दिलाता है कि पिताजी हमारे लिए कितने महत्वपूर्ण हैं और हमें उनकी महत्वपूर्णता को समझने के लिए प्रेरित करता है।

पिता दिवस का महत्व अनमोल है। यह एक विशेष दिन है जब हम पिताजी के प्रति आभार और सम्मान व्यक्त करते हैं। यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि पिताजी हमारे जीवन में कितने महत्वपूर्ण हैं और हमें उनके संघर्षों और समर्पण के लिए आभार व्यक्त करना चाहिए। पिताजी हमें अपनी संगठनशीलता, मार्गदर्शन, और समय-समय पर प्रेरणा देते हैं। उनका समर्पण और प्यार हमें सच्चाई, संवेदनशीलता और उदारता का संकेत देता है। पिता दिवस हमें यह याद दिलाता है कि हमें पिताजी के प्रति आभार और सम्मान व्यक्त करना चाहिए और उनके साथ समय बिताना चाहिए। यह दिन परिवार के बंधनों को मजबूत और उत्साही बनाने का अवसर प्रदान करता है।

कर्तव्यों का संग्रह करता हूँ,
निर्माता हूँ, समर्पित हूँ।
अपने पिता को याद करता हूँ,
उनके आशीर्वाद में भरता हूँ।

पिताजी की ममता, प्यार अद्भुत,
वीरता, संघर्ष, संयम अद्वितीय।
आपके बिना कोई नहीं हूँ,
पिताजी, आप ही हो मेरी पहचान।

पिता की ममता अनमोल है,
उनकी देखभाल निर्मल है।
हर कठिनाई में होते हैं समर्थ,
पिताजी हमेशा हैं हमारे साथ।

पिता वचनों के पहरेदार हैं,
समर्पण के उदाहरण स्वरूप।
आपकी हर मुसीबत का हूँ हल,
पिताजी, आप हो मेरे गुरूप।

आपके प्यार का नहीं है कोई मोल,
पिताजी, आप ही हों मेरे धन।
मेरी खुशियों की वजह हैं आप,
आपके बिना नहीं हो सकती हैं खान।

पिता की ममता अपार है,
उनकी खुशियाँ हमारी प्यार है।
आपके साथ बिताए हर पल ने,
जीवन को बनाया सुंदर संगीत।

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