दिल्ली में दिनदहाड़े हो रही चोरी
दिल्ली में दिनदहाड़े हो रही चोरी
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अमूमन यही कहा जाता है कि देश की राजधानी दिल्ली में चोरी-छिपे अंजाम दिए जाने वाले अपराध और अपराधियों का बोलबाला भी देखने के लिए मिला है। नहीं यह गलत बात है। भीड़ भरी चकाचौंध वाली दिल्ली में आपको चैलेंज देकर ‘कंगाल’ बना डालने वालों की भी भरमार हो चुकी है। खुलेआम दिल्ली की भीड़ भरी ‘रेड-लाइट्स’ पर। रात के अंधेरे में ही नहीं दिन के उजाले में भी। पहले आपको ‘ठक-ठक’ करके तंद्रा से बाहर लेकर जाने वाले है, फिर आपको कंगाल करने के लिए मास्टरमाइंड ठग चूना लगाकर चंपत हो जाएंगे।

कहना का आशय है कि चुनौती देकर किसी भी इंसान को ठग लेने जैसा है। जैसा नहीं है, सच यही है। जिसे समझकर सावधान हो जाने में ही अच्छा है। दिल्ली वाले भी शायद इस गैंग से तभी रू-ब-रू हो पाते हैं जब किसी न किसी का इस गैंग के बदमाशों से मुकाबला हो जाता है। और वे इस गैंग द्वारा ठग लिए जाते हैं। यह धंधा विशेष रूप से दिल्ली की उन भीड़-भाड़ वाली सड़कों पर ही रहता है जहां, वाहनों की गति बेहद धीमी होती है। या फिर दिल्ली के व्यस्ततम चौराहों पर मौजूद ‘रेड लाइट्स प्वाइंट्स’ पर। जहां आप कुछ देर के लिए ही सही मगर, लाल बत्ती होने पर रुक जाते है।

किसे निशाना बनाता है ठक-ठग गैंग: खबरों का कहना है कि ठक-ठग गैंग के निशाने पर अमूमन होता है आपकी कार में रखा बैग, सीट पर मौजूद आपका मोबाइल या पर्स अथवा कोई अन्य कीमती चीज जैसे लैपटाप, या फिर भारी भरकम सा दिखाई देने वाला कोई भी सामान है। आपके गले में मौजूद सोने की मूल्यवान वस्तु है । यह गैंग या कहिए इस गैंग के ठग आपसे ज्यादा सब्र वाले और हमसे आपसे ज्यादा काबिल होते हैं। जो हमें आपको पलक झपकते ही बेवकूफ बनाकर, चूना लगाकर भाग जाते है। और हमें जब तक खुद के ठगे जाने की भनक लगती है तब तक, यह ठग नौ-दो ग्यारह हो चुके होते हैं। ध्यान देने वाली बात यह है कि इस गैंग में शामिल अधिकांश ठग देखने-भालने में हर किस्म के के ही हो रहे है।

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