26/11 मामले में आतंकी डेविड हेडली की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गवाही, बेनकाब होगा पाक
26/11 मामले में आतंकी डेविड हेडली की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गवाही, बेनकाब होगा पाक
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मुंबई : 26/11 आतंकवादी हमले का साजिशकर्ता आतंकी डेविड हेडली की मुंबई स्पेशल कोर्ट में गवाही चल रही है. शिकागो से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हेडली पहली बार इस मामले में गवाही दे रहा है. 26 /11 हमले को लेकर कोर्ट में हेडली से सवाल-जवाब जारी हैं. भारत के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है कि विदेश की किसी जेल में बंद आतंकी की पेशी भारतीय कोर्ट में हो रही है. स्पेशल कोर्ट में हेडली की ओर से वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी के बेटे महेश जेठमलानी पैरवी कर रहे हैं. वहीं, आतंकी अबू जुंदाल के वकील ने कोर्ट से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हो रही इस पेशी और गवाही को रोकने की मांग की है.

26/11 मुंबई आतंकी हमलों की साजिश रचने के आरोपी लश्कर आतंकी अबू जुंदाल के खिलाफ चल रहे केस में हेडली की गवाही को काफी अहम माना जा रहा है. उसके खिलाफ आपराधिक साजिश रचने, देश के खिलाफ युद्ध, हत्या, हत्या के लिए अपहरण, धोखाधड़ी, विस्फोटक पदार्थ रखने, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने सहित कई अन्य आरोप भी लगे हैं. मालूम हो की आतंकी अबू जुंदाल पर यह भी आरोप है कि मुंबई में हुई आतंकी हमलों के दौरान वह देश के बाहर बने एक कंट्रोल रूम से आतंकियों को आर्डर दे रहा था. उसे सऊदी अरब से हिरासत में लिया गया था और 2012 में प्रत्यर्पित करके भारत लाया गया था. फिलहाल वह आर्थर रोड जेल में बंद है.

आपको बता दे की इसके पहले रविवार को हेडली ने कबूल किया था कि 26/11 हमले में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI और उसकी फौज का हाथ था. हेडली के इस बयान के बाद एक बार फिर पाक की नापाक करतूत दुनिया के सामने आ गई. वरिष्ठ वकील उज्‍ज्वल निकम के हवाले से इस मामले की सुनवाई सुबह करीब 7 बजे से दोपहर तक़रीबन 12.30 के बीच होगी. अमेरिकी कोर्ट पहले ही हेडली को आतंकी हमलों की साजिश रचने और आतंकियों को मदद पहुंचाने का अपराधी ठहरा चुका है. उसे 35 साल की सजा सुनाई गई है. हेडली इस पेशी के लिए इस शर्त पर गवाही देने के लिए राजी हुआ कि उसके खिलाफ लगे आरोप हटा दिए जाएं. कोर्ट ने उसकी कुछ शर्तें मानी थीं.

NIA की जांच में हेडली ने हमलों में ISIA और पाकिस्तानी फौज का हाथ होना कबूला है. उसने कबूल किया है कि हाफिज सईद के कहने पर हमले को अंजाम दिया गया. ISIS की सहायता से हमले को अंजाम दिया गया. रेकी के लिए पैसा भी दिया गया. साथ ही साथ हेडली ने कबूल किया कि दिल्ली में उपराष्ट्रपति के घर, इंडिया गेट और CBI ऑफिस की भी रेकी की. पाकिस्तान में बैठे ISI के मेजर इकबाल और समीर अली उसके हैंडलर थे. लश्कर के जकी उर रहमान लखवी का हैंडलर ISI का ब्रिगेडियर रिवाज था. लखवी की गिरफ्तारी के बाद ISI चीफ शुजा पाशा उससे मिलने भी गए थे.

आपको बता दे कि पूर्व सीआईए विश्लेषक ब्रूस रीडेल ने भी कहा था कि आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने मुंबई हमला पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसियों की सहायता से किया था. इसके बाद ही पेरिस हमले का खाका तैयार किया गया. उनकी यह बात अमेरिकी कांग्रेस के सांसद और आतंकवाद पर सदन की विदेश मामलों की उपसमिति के पूर्व अध्यक्ष ब्रैड शर्मन ने अमेरिकी उपराष्ट्रपति जो बाइडेन, विदेश मंत्री जॉन केरी और रक्षा मंत्री एश्टन कार्टर को एक संयुक्त पत्र लिखकर बताई थी.

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