तिरुवनंतपुरम। अपनी पत्नी से अलग रहने वाले रिटायर्ड प्रोफेसर के मकान में जब करीब चार माह बाद उनके परिजन दाखिल हुए तो रिटायर्ड प्रोफेसर कहीं नहीं मिले। परिजन परेशान हो गए। मकान का दरवाजा खुल नहीं रहा था। ऐसे में परिजन ने पुलिस को सूचना दी। जब पुलिसकर्मियों समेत अन्य लोग मकान में दाखिल हुए तो सभी दंग रह गए। मकान में प्रोफेसर तो नहीं मिले लेकिन वहां कंकाल जरूर मिला।
परिजन रिटायर्ड प्रोफेसर की ऐसी हालत नहीं देख सके। पुलिस ने अपनी कार्रवाई करते हुए कंकाल जब्त कर लिया। अब इसे जाॅंच के लिए भेजा गया है। प्रारंभिक तौर पर यह नरकंकाल रिटायर्ड प्रोफेसर केपी राधाकृष्णन का ही बताया जा रहा है लेकिन अभी इस बात की तस्दीक की जा रही है कि कंकाल राधाकृष्णन का ही है या नहीं। केपी राधाकृष्णन डेंटल काॅलेज से रिटायर्ड हुए थे। वे काॅलेज में प्रोफेसर थे।
वे अपनी पत्नी से अलग रहा करते थे। उनकी पत्नी अपनी बेटी और दामाद के साथ कोट्टयम में रहती है। महीनों पूर्व राधाकृष्णन की पत्नी उनसे मिलने गई थी। इसके बाद किसी ने उनसे भेंट नहीं की। राधाकृष्णन की लड़की रविवार को वापस उनसे मिलने पहुॅंची मगर मकान का दरवाजा नहीं खुला। अलबत्ता दरवाजे पर डाक पत्र और बिल मिले। ऐसे में उसने पुलिस को जानकारी दी।
पुलिसकर्मियों ने घर का दरवाजा तोड़ा। जब सभी मकान में दाखिल हुए तो वहाॅं प्रो. राधाकृष्णन तो नहीं मिले मगर एक नरकंकाल सोफे पर मिला। जिसके बाद पुलिस ने इस मामले में नेचुरल डेथ मानकर जाॅंच प्रारंभ कर दी है।
उल्लेखनीय है कि मुंबई में एक मकान में भी एक महिला का नरकंकाल मिला था। महिला अपने घर में अकेली रहती थी, जब विदेश में रहने वाला उसका संबंधी मकान में पहुॅंचा और मकान का दरवाजा खोला गया तो उक्त महिला का नरकंकाल घर में मिला था। इसके बाद तिरूवनंतपुरम में नरकंकाल मिलने से लोग स्तब्ध हैं।
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