कोरोनाकाल में बार-बार पासवर्ड बदलने की डालें आदत
कोरोनाकाल में बार-बार पासवर्ड बदलने की डालें आदत
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कोरोनावायरस ने आज पूरी दुनिया की आदतों को बदल दिया है। लोगों ने इससे बचने के लिए बार-बार हाथ धोने की आदत डाल ली है। साथ ही, अपनी सुरक्षा के लिए शरीर की इम्युनिटी भी बढ़ानी शुरू कर दी है। लोग बिना मास्क लगाए घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं। जिस तरह आप खुद को कोरोनावायरस जैसी महामारी से बचाने के लिए नए आदत को फॉलो कर रहे हैं। ठीक उसी तरह आपको इस नई दुनिया में पासवर्ड बदलने की भी आदत डालनी होगी। नहीं तो साइबर क्राइम और हैकिंग जैसी महामारी के आप शिकार हो सकते हैं।जी हां, कोरोनावायरस संकट की वजह से दुनिया भर के ज्यादातर लोग घरों में रहने को मजबूर हैं। ऑफिसों के काम घरों से किए जा रहे हैं। डिजिटल ट्रांजैक्शन और कॉन्टैक्टलेस पेमेंट में भारी इजाफा देखने को मिला है। ऐसे में डार्क वेब वाले हैकर्स यूजर्स की छोटी से छोटी गलती पर नजर गड़ाए हुए हैं। लॉकडाउन और महामारी की वजह से लोग अपने ज्यादातर काम ऑनलाइन करने लगे हैं। ऑनलाइन बैंकिंग, ऑनलाइन क्लास, ऑनलाइन गेमिंग, ऑनलाइन शॉपिंग यानि की लोग आजकल रोजमर्रा की चीजों के लिए ऑनलाइन पर निर्भर रह रहें हैं। हैकर्स के लिए स्मार्ट टीवी ने इन दिनों साइबर क्राइम को अंजाम देना और भी आसान कर दिया है।

स्मार्ट टीवी के जरिए भी हो सकती है हैकिंग
स्मार्ट टीवी के जरिए आजकल हैकर्स यूजर्स को अटैक करने लगे हैं। वर्क फ्रॉम करने वाले लोग अपने घरों में Wi-Fi मॉडम के जरिए लैपटॉप को कनेक्ट कर रहें हैं। उसी Wi-Fi नेटवर्क का इस्तेमाल स्मार्ट टीवी को कनेक्ट करके OTT प्लेटफॉर्म्स जैसे कि Netflix, Amazon Prime Video, Hotstar आदि को एक्सेस किया जाता है। हैकर्स इसी स्मार्ट टीवी के जरिए आपके लैपटॉप में घुसपैठ कर सकते हैं। ऐसे में आपके द्वारा की गई छोटी सी भी गलती आपके लिए मंहगी पड़ सकती है। अब आप सोच रहे होंगे कि इससे कैसे बचा जा सकता है?

बार-बार बदलें पासवर्ड
इससे बचने के लिए आपके पास पहला तरीका ये है कि आप अपने जरूरी अकाउंट्स Email आदि के पासवर्ड समय-समय पर बदलते रहें और उसे हमेशा अल्फा न्यूमैकिक (नंबर और लेटर) और स्पेशल कैरेक्टर के कॉम्बिनेशन से ही बनाएं। साथ ही, बैंकिंग या ऑनलाइन शॉपिंग जैसे कामों के लिए प्राइवेट ब्राउजिंग (Incognito Mode) का इस्तेमाल करें। जहां भी आपको अपने निजी डाटा को एक्सेस करने की जरूरत है वहां पर प्राइवेट ब्राउजिंग का ही सहारा लें। ब्राउजर में कभी भी अपने किसी भी अकाउंट का पासवर्ड सेव नहीं करें। हैकर्स के लिए ब्राउजर में घुसपैठ करना बेहद ही आसान है। पिछले साल Google Chrome के जरिए कई डाटा लीक्स की घटनाएं सामने आईं थी, जिससे बाद Google ने अपने Chrome ब्राउजर के लिए नए अपडेट को रोल आउट किया था।

VPN नेटवर्क का करें इस्तेमाल
VPN (वर्चुअल पर्सनल नेटवर्क) के जरिए साइबर अटैक से बचा जा सकता है। VPN के जरिए वर्क फ्रॉम होम कर रहे यूजर्स को अपनी कंपनी के क्लाउड या ऑफिस सर्वर से कनेक्ट होना चाहिए। हालांकि, इसके लिए अपके VPN नेटवर्क की सिक्युरिटी काफी मजबूत होनी चाहिए। इन दिनों टेलिकॉम कंपनियां और इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स भी अपने नेटवर्क को सुरक्षित बनाने के लिए काम कर रहे हैं। घर में इस्तेमाल होने वाले Wi-Fi राउटर की सिक्युरिटी बढ़ाने के लिए भी SSID को पासवर्ड से प्रोटेक्ट करके रखें। इससे फायदा ये होगा कि आपके Wi-Fi राउटर में सेंध लगाना मुश्किल होगा। साथ ही, SSID के पासवर्ड को समय-समय पर बदलते रहें।

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