कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट जारी, 7 सालों का टूटा रिकार्ड
कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट जारी, 7 सालों का टूटा रिकार्ड
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नई दिल्ली : कच्चे तेल के दामों में गिरावट जारी है. केवल जुलाई के महीने में ही कच्चे तेल के दाम में 21 प्रतिशत की गिरावट आई है. साल 2008 के बाद पहली बार कच्चे तेल के दाम में इतनी ज्यादा कमी आई है. साल 2011 में कच्चे तेल की कीमत जहां 120 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई थी, वहीं साल 2015 में कच्चे तेल के दाम नाइमैक्स पर 59.35 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर कारोबार करता नजर आया, जो कि शुक्रवार को 47.12 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ है.

बीते एक महीने के दौरान WTI कच्चे तेल की कीमतों में 20.60 प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की गई. इस गिरावट का कारण वैश्विक बाजार में इसकी भरपूर आपूर्ति का होना है. जो देश कच्चे तेल का उत्पादन करते हैं वह कीमतें घटने पर इसके उत्पादन में कटौती करने लगते हैं. लेकिन ईरान के साथ विश्व के पांच ताकतवर देशों के समझौते के बाद बाजार में ईरान बड़े पैमाने पर तेल की आपूर्ति करने वाला है. इसे देखते हुए कच्चा तेल उत्पादक देश कटौती नहीं कर रहे हैं.

कच्चे तेल का उत्पादन 

अमेरिका में लगातार कच्चे तेल के कुंओं की संख्या में इजाफा हुआ है. इस समय विश्व में कच्चे तेल का उत्पादन जरूरत से कहीं ज्यादा हो रहा है इसलिए इसकी कीमतें घट रही है. विशेषज्ञों के मुताबिक आने वाले दिनों में कच्चा तेल की कीमतें 45 डॉलर प्रति बैरल के नीचे फिसल सकती है. दूसरी तिमाही में ओपेक देशों ने 312.5 लाख बैरल प्रति दिन कच्चा तेल उत्पादन किया है, जो मांगसे करीब 30 लाख बैरल ज्यादा है.

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