घर में रखी इन चीजों से बनाएं होली के रंग, त्वचा को नहीं पहुचाएंगे नुकसान
घर में रखी इन चीजों से बनाएं होली के रंग, त्वचा को नहीं पहुचाएंगे नुकसान
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होली हिन्दुओं में प्रमुख त्योहारों में से एक है। इस साल, होली 25 मार्च को मनाई जाएगी। यह रंगों का त्योहार हर साल फाल्गुन मास के महीने में उत्साह से मनाया जाता है। होली का त्योहार होलिका दहन से शुरू होता है, जिसके बाद अगले दिन रंग और गुलाल के साथ खेला जाता है। होली के त्योहार पर कई बार केमिकल वाले कलर त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते है ऐसे में आइये आपको बताते है घर पर कलर बनाने के तरीके...

घर पर होली के रंग बनाने के तरीके:
हरा रंग:
पालक: ताजे पालक के पत्तों को पीसकर पानी में मिलाएं। गाढ़ा हरा रंग पाने के लिए आप मेहंदी भी मिला सकते हैं।
हल्दी: हल्दी पाउडर को पानी में मिलाकर हल्का पीला रंग बना सकते हैं।

लाल रंग:
चुकंदर: चुकंदर को कद्दूकस करके पानी में उबालें। ठंडा होने के बाद, इसे छान लें।
लाल मिर्च: लाल मिर्च पाउडर को पानी में मिलाकर गाढ़ा लाल रंग बना सकते हैं।

पीला रंग:
हल्दी: हल्दी पाउडर को पानी में मिलाकर हल्का पीला रंग बना सकते हैं।
केसर: केसर के धागों को पानी में भिगोकर गाढ़ा पीला रंग बना सकते हैं।

नारंगी रंग:
गेंदा फूल: गेंदा फूलों की पंखुड़ियों को पानी में उबालें। ठंडा होने के बाद, इसे छान लें।
हल्दी और लाल मिर्च: हल्दी पाउडर और लाल मिर्च पाउडर को मिलाकर नारंगी रंग बना सकते हैं।

नीला रंग:
लाल गोभी: लाल गोभी को कद्दूकस करके पानी में उबालें। ठंडा होने के बाद, इसे छान लें।
नील: नील पाउडर को पानी में मिलाकर गाढ़ा नीला रंग बना सकते हैं।

गुलाबी रंग:
चुकंदर और हल्दी: चुकंदर का रस और हल्दी पाउडर को मिलाकर गुलाबी रंग बना सकते हैं।
बीट रूट: बीट रूट को पानी में उबालकर गुलाबी रंग बना सकते हैं।

बैंगनी रंग:
लाल गोभी और नील: लाल गोभी का रस और नील पाउडर को मिलाकर बैंगनी रंग बना सकते हैं।
शहतूत: शहतूत का रस निकालकर बैंगनी रंग बना सकते हैं।

सुरक्षा के लिए:
रंग बनाने के लिए हमेशा ताजे और प्राकृतिक सामग्री का उपयोग करें।
रंगों को बनाने और इस्तेमाल करने के दौरान हाथों में दस्ताने पहनें।
रंगों को आंखों और नाक में जाने से बचाएं।
बच्चों को रंगों से खेलने के दौरान ध्यान से देखें।

अतिरिक्त जानकारी:
आप इन रंगों को और भी गाढ़ा बनाने के लिए थोड़ा सा बेसन या मैदा मिला सकते हैं।
आप इन रंगों में सुगंध के लिए गुलाब जल या चंदन का तेल भी मिला सकते हैं।
आप इन रंगों को पानी में घोलकर पिचकारी में भर सकते हैं या सूखे रंगों के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

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