कोरोना के चलते पुरुषों की मर्दानगी पर असर, बढ़ा ये खतरा
कोरोना के चलते पुरुषों की मर्दानगी पर असर, बढ़ा ये खतरा
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कोरोना संक्रमण का कहर अभी खत्म नहीं हुआ है। हालाँकि अब खबर आई है कि इसकी वजह से पुरुषों की मर्दानगी पर असर पड़ रहा है। जी दरअसल एक नए शोध को माने तो कोरोना मर्दों की प्रजनन क्षमता को घटा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि कोरोना की वजह से इरेक्टाइल डिस्फंशन के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। आप सभी को बता दें कि रोम यूनिवर्सिटी के डॉक्टरों ने 100 ऐसे पुरुषों की जांच की, जो कोरोना से संक्रमित हो चुके थे। वहीं इनकी औसत उम्र 33 साल थी, लेकिन नतीजे चौंकाने वाले रहे। जी दरअसल इन डॉक्टरों ने पाया कि कोरोना संक्रमित हुए 28 फीसदी पुरुषों में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के मामले सामने आए, यानी कि वो नपुंसकता या आंशिक नपुंसकता की तरफ बढ़ रहे थे, जिसमें वो शारीरिक संबंध बनाने तक में सक्षम नहीं थे।

आप सभी को बता दें कि सामान्य लोगों में ये समस्या सिर्फ 9 फीसदी लोगों में ही पाई गई। वहीं दूसरी तरफ वैज्ञानिकों का कहना है कि महिलाओं की तुलना में 1।7 गुना ज्यादा पुरुषों की कोरोना से मौत हुई। केवल इतना ही नहीं, बल्कि कोरोना वायरस सीधे सीधे श्वेत रक्त कणिकाओं पर असर डाल रहा है, जिसकी वजह से शरीर की रोग प्रतिरोधी क्षमता कम हो रही है और खून मोटा हो रहा है। एक शोध को माने तो खून के मोटे होने से पुरुषों के जननांग से जुड़ी समस्याएं पैदा हो रही हैं। आप सभी को बता दें कि रिसर्च के मुताबिक कोरोना से एस्ट्रोजेन और टेस्टोस्टेरोन पर फर्क पड़ रहा है, जो बाकी समस्याएं पैदा कर रहे हैं।

वहीं टेस्टोस्टेरोन का स्तर बढ़ने की वजह से श्वसन संबंधी परेशानियां भी पैदा हो रही हैं। केवल यही नहीं बल्कि नई शोध ये भी कहती है कि अब तक कोरोना से लड़ने में सेक्सुअल हार्मोंस को मददगार माना जा रहा था, लेकिन अब ये भी देखा जा रहा है कि कोरोना संक्रमण के बाद लोगों के सेक्स हार्मोंस के स्तर में ही गिरावट आ रही है, जो कि एक बड़ा खतरा है। इसके चलते इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के साथ ही पूरी तरह से नपुंसकता के भी शिकार होने का खतरा बढ़ गया है। इसके अलावा रिसर्च का ये भी कहना है कि कोरोना वायरस के संक्रमण से पुरुषों पर तो खतरा बढ़ा ही है, महिलाओं को भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। डॉक्टर्स का कहना है कि टेस्टोस्टेरोन लेवल घटने से महिलाओं को मासिक धर्म संबंधी परेशानियां आ रही हैं और समय से पहले मेनोपॉज का भी खतरा बढ़ा है।

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