Call Drop : पहले मामले में विचार होगा, फिर पेश होगा कोई आदेश
Call Drop : पहले मामले में विचार होगा, फिर पेश होगा कोई आदेश
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नई दिल्ली : दिल्ली हाई कोर्ट के द्वारा कॉल ड्राप मामले में मौजूदा कानून के अंतर्गत कार्रवाई किए जाने के साथ ही इस पर पूरे शुल्क की वापसी की मांग वाली याचिका को लेकर 25 अप्रैल तक के लिए अपने आदेश को सुरक्षित रख लिया गया है. इस मामले में मुख्य न्यायाधीश रोहिणी और न्यायमूर्ति जयंत नाथ की पीठ का यह कहना है कि इस बात पर अभी विचार किया जाना है और इसके बाद ही कोई आदेश पारित किया जाना है.

बताया जा रहा है कि दूरसंचार कंपनियों के वकील का यह कहना है कि उच्चतम न्यायालय के द्वारा भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकार की अधिसूचना को सही ठहराने मामले में हाई कोर्ट के द्वारा पहले के एक निर्णय को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की जा रही है.

लेकिन उनके द्वारा जो याचिका पेश की गई है उसमे मौजूद करीब 50 फीसदी मुद्दे ऐसे है जोकि इस मामले से बिलकुल अलग है. और इनकी सुनवाई उच्चतम न्यायालय के द्वारा की जा रही है. वकील का इस मामले में यह कहना है कि किसी भी तरह से दूरसंचार कम्पनियों के द्वारा कॉल ड्राप होने की स्थिति में कोई शुल्क नहीं वसूला जा सकता है.

गौरतलब है कि इससे पहले नियामक की अधिसूचना के अनुसार कॉल ड्राप की भरपाई करने का आदेश पारित किया गया दिया था. लेकिन इसके बावजूद यह देखने को मिला कि दूरसंचार नियामक मोबाइल परिचालकों के खिलाफ कार्रवाई करने में असफल रहा. उन्होंने इसको लेकर कहा कि कम्पनियाँ कॉल ड्राप होने के बावजूद भी पैसा वसूल कर रही है.

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