पटवारी बनने के चक्कर में पहुचे जेल,जाने क्या है मामला...
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उज्जैन : पटवारी बनने की चाहत में कम्प्यूटर पाठ्यक्रम का फर्जी सर्टिफिकेट देने के मामले में कोर्ट ने फर्जी सर्टिफिकेट देने वाली संस्था के संचालक सहित 48 आरोपियों को दोषी ठहराया है. इसके चलते कोर्ट ने संचालक को 3 साल और अन्य आरोपियों को 2-2 साल कैद की सजा सुनाई है. वहीं 2 आरोपियों की सुनवाई के दौरान मौत हो चुकी है और एक आरोपी कोर्ट में पेश नहीं हुआ इस कारण उसकी सजा पर फैसला नहीं हो सका. बता दें कि यह फैसला 11 साल बाद आया है.

DPO विमल कुमार छाजेड़ ने बताया साल 2004 में पटवारी भर्ती परीक्षा में आवेदन के लिए अभ्यर्थी को कम्प्यूटर पाठ्यक्रम का एक वर्ष का डिप्लोमा करना अनिवार्य था. इस परीक्षा के लिए उज्जैन के करीब 50 छात्रों ने बिग बाइट कम्प्यूटर सेंटर के संचालक सुरेंद्र पिता सुभाष जैन निवासी दौलतगंज से फर्जी प्रमाण-पत्र बनवाए थे.

इसके चलते सभी के खिलाफ देवासगेट थाने में 9 दिसंबर 2004 को धारा 420, 467, 471 के तहत केस दर्ज किया गया. SDOP दीपेंद्र मालू ने बताया कि 2 आरोपियों की सुनवाई के दौरान मौत हो चुकी है. वहीं एक आरोपी सुनवाई के लिए कोर्ट में हाजिर नहीं हुआ.जिसकी सजा पर सुनवाई नहीं हो सकी.

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