ग्यारंटी से आंसू छलका देगी इस कपल की सच्ची मोहब्बत, यकीन नही आए तो पढ़ लो
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नीमच : यह कहानी मध्य प्रदेश के बांछड़ा समुदाय के ऐसे युवक -युवती  की है जो अपने समाज की बुराई से संघर्ष करने निकल पड़े. ये वास्तविक कहानी नीमच के आकाश और भारती की है. दोनों मंगलवार को यानी 'वैलेन्टाइन्स डे' पर ही कोर्ट में शादी के बंधन में बंधे.

उल्लेखनीय है कि आकाश और भारती दोनों बांछड़ा समुदाय से हैं. वही बांछड़ा समुदाय जिस पर मालवा के माथे पर नाबालिग बच्चियों को वेश्यावृत्ति में धकेलने का दाग लगा हुआ है.बताया जाता है कि मालवा के नीमच, मन्दसौर और रतलाम जिलों के करीब 68 गांवों में बांछड़ा समुदाय के 250 डेरे हैं. जहां खुलेआम वेश्यावृत्ति होती है. इस समुदाय में छोटी बच्चियों को देह व्यापार के दलदल में धकेलने वाले और कोई नहीं बल्कि उनके मां-बाप ही होते हैं.

बांछड़ा समुदाय में बच्चियों के साथ इस तरह का बर्ताव देखकर आकाश का बचपन से ही बुरा लगता था. आकाश बड़ा हुआ तो उसने समुदाय की नाबालिग लड़कियों को इस दरिंदगी से बचाने का बीड़ा उठा लिया. आकाश इसके लिए 'फ्रीडम फर्म' नाम के एनजीओ के साथ मिलकर काम करने लगा.तीन साल पहले ऐसे ही एक रेस्क्यू मिशन पर था कि उसकी मुलाकात भारती से हुई. तब नाबालिग भारती ने उसे बताया कि वो पढ़ना चाहती है लेकिन उसकी मां उसे देह व्यापार में धकेलना चाहती है. आकाश ने किसी तरह कोशिश कर भारती को नीमच के एक हॉस्टल में भर्ती करा दिया.बाद में आकाश और भारती की अक्सर मोबाइल पर बात होने लगी.

लेकिन कुछ ही दिन बाद भारती को उसकी मां हॉस्टल से निकाल कर फिर डेरे पर ले गई. भारती का मोबाइल भी छीन लिया गया. यहीं नहीं अपने समुदाय की पंचायत बुलाकर आकाश को भारती से दूर रहने का फरमान भी सुना दिया.लेकिन आकाश नहीं माना. कुछ समय बाद आकाश की मदद से एनजीओ और पुलिस की कार्रवाई में एक डेरे पर छापा मारा गया, जहां से भारती की मां को पांच लड़कियों से देह व्यापार कराते हुए पकड़ लिया गया. फिर आकाश को भारती का भी पता लग गया. NGO के जरिए भारती की रहने की व्यवस्था नीमच के आश्रम में कराई गई. वहीं आकाश के प्रयासों से भारती की पढ़ाई भी शुरू करा दी गई. भारती को नौंवी क्लास में दाखिला मिल सका.

आकाश ने नाबालिग लड़कियों को बचाने की मुहिम के दौरान ही फैसला किया था कि वो एलएलबी करेगा जिससे इस लड़ाई को और बेहतर ढंग से लड़ सके. 22 साल का आकाश इस वक्त एलएलबी के छठे सेमेस्टर की पढ़ाई कर रहा है. भारती भी इस साल 21 जनवरी को बालिग हो गई. आकाश और भारती ने बांछड़ा समुदाय के माथे पर जो दाग लगा है उसे मिटाने के लिए मिलकर लड़ने का फैसला किया वह प्रशंसनीय है . साथ ही शादी की डोर में बंधने का भी. मंगलवार को कोर्ट में दोनों के जीवन-साथी बनने की भी घड़ी आ गई. जहाँ नीमच के एसपी मनोज सिंह ने इस मौके पर आकाश और भारती को सुखी जीवन के लिए आशीर्वाद दिया.

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