अब सामने आ रहा डीमेट का सच, साढ़े छः हजार सीटों पर प्रवेश में धांधली
अब सामने आ रहा डीमेट का सच, साढ़े छः हजार सीटों पर प्रवेश में धांधली
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भोपाल : एक ओर जहां व्यावसायिक परीक्षा मंडल घोटाले को लेकर प्रदेश की राजनीति में उथल - पुथल हो रही है तो दूसरी ओर अब डीमेट काॅलेजों में एमबीबीएस के स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में प्रवेश को लेकर गड़बड़ी की आशंका जताई जा रही है। इस दौरान कहा जा रहा है कि डीमेट परीक्षा के मामले में वर्ष 2006 से लेकर अब तक निजी मेडिकल डेंटल काॅलेजों की एमबीबीएस की करीब 5000 सीटों और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों की 1600 सीटों पर एडमिशन में अनियमितता हुई है।

मामले को लेकर व्यापमं. घोटाले के शिकायतकर्ताओं में से एक डाॅ. आनंद राय ने आरोप लगाया है कि प्राईवेट मेडिकल काॅलेज ने 10 वर्ष में एडमिशन के नाम पर गैरकानूनी तरीके से 10 हजार करोड़ रूपए वसूले। मामले में इस तरह की हैराफेरी को कालेधन के तौर पर भी देखा जा रहा है। इस दौरान कहा गया है कि काॅलेज संचालकों ने इस मामले की रसीदें भी ये रूपए जमा करने वालों को नहीं दिए हैं।

इस मामले में यह बात भी सामने आई है कि 42 प्रतिशत सीटें सरकार कोटे से भरी जानी थीं और 43 प्रतिशत डीमेट से भरी जानी थी मगर 15 प्रतिशत एनआरआई कोटे से भरी जानी थी मगर कोटे की सीटें काॅलेज प्रबंधन द्वारा अपने अनुसार भरी गईं। जिससे वास्तविक लाभार्थी परेशान होते रहे।

हाईकोर्ट द्वारा डीमेट की स्केनिंग क्लासरूम में करवाने के निर्देश दिए। जिसके बाद कहा गया कि अभय चोपड़ा द्वारा हाईकोर्ट में याचिका दायर कर निजी मेडिकल महाविद्यालयों द्वारा मनमाने तरीके से सीटें भरने पर संज्ञान लेने की मांग की। बताया जाता है कि यह धांधली व्यापमं. मामले से भी अधिक बड़ी हो सकती है।

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