ग्वालियर: मध्य प्रदेश में अगले महीने होने वाले विधानसभा उप चुनाव के लिए कांग्रेस ने अपनी तैयारियों को धार देना शुरू कर दिया हैं। प्रदेश की 27 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहा है जिसमें से 16 सीटें ऐसी हैं, जो सिंधिया का अभेद किला माने जाने वाले ग्वालियर और चंबल प्रभाग से आती हैं। इन 16 सीटों में से 9 सीटें तो गुर्जर बाहुल हैं, तो ऐसे में सिंधिया को टक्कर देने के लिए कांग्रेस ने पायलट को उतारने का प्लान बनाया है। तो ऐसे में दो जिगरी दोस्तों के बीच दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल सकता है।
उल्लेखनीय है कि मार्च 2020 में सिंधिया ने जब कांग्रेस से इस्तीफा दिया था तो उनके समर्थन में 22 विधायकों ने कांग्रेस का साथ छोड़ दिया था और परिणामस्वरूप राज्य में कमलनाथ की अगुवाई वाली सरकार गिर गई थी। 15 महीने पुरानी कमलनाथ सरकार के गिरने से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा था। बाद में कांग्रेस से त्यागपत्र देने वाले सभी MLA भाजपा में शामिल हो गए थे। अब उपचुनाव में भाजपा ने ज्यादातर विधायकों को टिकट दिया है।
एक साक्षात्कार में पायलट ने कहा कि मध्य प्रदेश कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष कमलनाथ ने मुझसे उप चुनाव में प्रचार के लिए बात की है। पायलट ने आगे कहा कि, 'कांग्रेस का एक समर्पित कार्यकर्ता होने के नाते, मुझे को काम सौंपा जाएगा, मैं वह करूंगा। चुनाव वाले ज्यादातर क्षेत्र राजस्थान से सटे हैं।' खबरों की मानें तो राजस्थान के प्रभारी अजय माकन ने भी पायलट से इस बारे में चर्चा कर ली है।
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