नई दिल्ली : कांग्रेस ने मंगलवार की शाम दिल्ली में मार्च निकालकर अपना विरोध जताया। इस दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सदस्य संसद भवन से पैदल मार्च करते हुए राष्ट्रपति भवन तक पहुंचे। राष्ट्रपति भवन में पहुुंचकर कांग्रेसियों ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में महामहिम राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन सौंपकर उन्होंने राष्ट्रपति से अपनी संवैधानिक शक्तियों का प्रयोग करने और इसके लिए आवश्यक कदम उठाने की मांग की।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि देश में इस तरह का असहिष्णु माहौल है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीे चुप हैं। मोदी की चुप्पी इन मसलों को और हवा दे रही है। इस दौरान कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पार्टी के सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद सहित दूसरे नेताओं ने मार्च में भागीदारी की।
मार्च को लेकर भाजपा ने अपना विरोध जताते हुए कहा कि यह तो कांग्रेस के काले कारनामों को उजागर न करने देने और उन पर से ध्यान हटाने के लिए किया जा रहा है। मामले में भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि जमीन घोटाले पर नए खुलासे किए गए हैं। जिससे कांग्रेस बौखला गई है और उसके द्वारा मार्च निकाला जा रहा है।
इसे लेकर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कांग्रेस का यह मार्च सियासी नौटंकी है। कांग्रेस के कार्यकाल में तो सिख दंगे विरोधी दंगे हुए। यह असहिष्णुता ही तो है। कांग्रेस को अपने गिरेबान में झांककर देखना चाहिए।