युद्धक अभियानों में महिला सैनिकों को साथ रखने के लिए कमांडोज़ ने किया इंकार
युद्धक अभियानों में महिला सैनिकों को साथ रखने के लिए कमांडोज़ ने किया इंकार
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न्यूजर्सी : अमेरिका की सेना में आमतौर पर महिलाओं की भी पुरूष सैनिकों की ही तरह समान भूमिका होती है मगर स्पेशल युद्धों में और युद्ध के मैदान में जब वे खून बहा रहे होते हैं तो महिलाओं के लिए किसी तरह की जगह नहीं होती है। हाल ही में यह बात सामने आई है कि अमेरिकी सेना की नौसेना, थल सेना के कमांडो दस्ते में महिलाओं की सेवाऐं भी ली जाती हैं मगर अब इनका प्रभावशील स्तर कम होने की बात पर विचार किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि युद्धक अभियानों पर इसका असर पड़ सकता है।

अमेरिकी कमांडोज़ ने भी यह बात मानी है कि महिलाओं की शारीरिक और मानसिक स्थिति इतनी मजबूत नहीं होती है। जिससे वे दुष्कर कार्य कर सकें। इस तरह के सर्वेक्षण में विभिन्न निष्कर्षों को प्राप्त किया गया है। जिसमें कहा गया है कि सर्वेक्षण मई से जुलाई 2014 तक किया गया। हाल ही में इस मामले में सर्वे रिपोर्ट सामने आई है जिसमें कहा गया है कि करीब 7600 लोगों ने यह बात मानी है कि महिलाओं के शारीरिक और मानसिक स्तर में मजबूती की कमी होती है। जिससे युद्धों में प्रभाव पड़ सकता है।

पेंटागन द्वारा ग्रीष्मकालीन सर्वेक्षण और दस्तावेजों को जारी किया गया। दरअसल रक्षामंत्री ने इसके पहले लड़ाकू अभियानों को महिलाओं के लिए खोले जाने की घोषणा भी की गई। यह भी कहा गया कि युद्ध अभियान में व्यक्ति अतिरिक्त सामग्री लादता है जिससे वजन करीब 127 किलो तक हो जाता है ऐसे में महिला सैनिकों के साथ कुछ मुश्किल हो सकती है। 

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