छत्तीसगढ़ / रायपुर : छत्तीसगढ़ में 10वीं कक्षा का परिणाम मंगलवार को घोषित कर दिया गया। स्कूल शिक्षा मंत्री केदार कश्यप ने परिणाम घोषित करते हुए कहा कि 10वीं बोर्ड परीक्षा का परिणाम घोषित करने में छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल देश में प्रथम स्थान पर है। बोर्ड ने परीक्षा के लगभग एक माह के भीतर ही नतीजे घोषित कर दिए। बोर्ड की परीक्षा में छत्तीसगढ़ की बेटियों ने बाजी मारी और घोषित प्रावीधिक प्रावीण्य सूची में 22 विद्यार्थियों में से 11 बेटियों ने स्थान हासिल की है।
रायगढ़ जिले की कुमारी आस्था सतपथी 99 प्रतिशत अंक हासिल कर प्रावीधिक प्रावीण्य सूची में प्रथम स्थान पर रहीं। मंत्री ने परीक्षा परिणाम लैपटॉप पर बटन दबाकर जारी किया। परीक्षा परिणाम छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल की वेबसाइट WWW.CGBSE.NET पर भी उपलब्ध है। मंत्री केदार कश्यप ने परिणाम घोषित करते हुए कहा कि विगत वर्ष 2014 के आयोजितोवीं बोर्ड की परीक्षा का परिणाम 54 प्रतिशत था।
इस वर्ष यह परिणाम 55.23 रहा, जिसमें वर्ष 2015 में 55.36 प्रतिशत बेटियों ने सफलता हासिल की, जबकि 55.08 प्रतिशत बेटों ने 10वीं बोर्ड की परीक्षा में सफलता हासिल की, शामिल है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि इस परीक्षा में असफल विद्यार्थी कड़ी मेहनत कर सफल होने का प्रयास करें, ताकि भविष्य में उन्हें असफलता हासिल न हो। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल के अध्यक्ष के.डी.पी. राव ने बताया कि हाईस्कूल परीक्षा 2015 का परीक्षाफल पूरे भारत में छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल रायपुर द्वारा सर्व प्रथम घोषित किया गया।
उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के अधिकारी-कर्मचारी, शिक्षक, जिला प्रशासन और मंडल के सदस्यों के सहयोग से यह परिणाम अल्प समय में जारी किया गया। उन्होंने बताया कि मंडल द्वारा आयोजित दसवीं की परीक्षा में हुई चार लाख 11 हजार 367 विद्यार्थी पंजीकृत हुए थे, जिनमें से चार लाख तीन हजार 762 विद्यार्थी परीक्षा में शामिल हुए। इनमें एक लाख 92 हजार 155 बालक और दो लाख 11 हजार 607 बालिकाएं शामिल हैं।
परिणाम घोषित करने पर 43 हजार 662 परीक्षार्थी प्रथम श्रेणी और 78 हजार 660 द्वितीय श्रेणी में, 96 हजार 565 विद्यार्थी तृतीय श्रेणी में तथा दो हजार 959 विद्यार्थी पास की श्रेणी में उत्तीर्ण घोषित किए गए हैं। 35 हजार 411 परीक्षार्थियों पूरक की पात्रता की सूची में शामिल हैं। इसके अलावा 892 परीक्षार्थी के परिणाम रोके गए हैं और एक हजार 210 परीक्षार्थियों के परीक्षा फल निरस्त किए गए हैं।
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