नई दिल्ली : नगालैंड में बढ़ते उग्रवाद को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस राज्य को एक बार फिर अशांत क्षेत्र घोषित कर दिया है। अर्थात् फिर नगालैंड संगीनों के साये में रहेगा। दरअसल सरकार ने यह निर्णय प्रदेश में बढ़ते उग्रवाद के चलते दिया है। इस निर्देश के बाद सैन्य बल सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम 1958 की धारा (3) के तहत बिना सर्च वारंट गिरफ्तारी कर सकेंगे। इस दौरान सैन्य बलों को छापेमारी करने का अधिकार भी होगा। इस आदेश के बाद यह क्षेत्र एक वर्ष के लिए अशांत क्षेत्र घोषित है। सेना को अशांति फैलाने वालों के विरूद्ध हथियार चलाने की अनुमति होगी।
इस कार्रवाई में किसी की मृत्यु होने पर सरकार द्वारा सुरक्षा बलों पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जाएगी मिली जानकारी के अनुसार कहा गया है कि नगालैंड जैसे क्षेत्रों में फिर से उग्रवाद पैर पसार रहा है। यहां उग्रवादियों की गतिविधियां तेज हुई हैं। ऐसे में सरकार को इस क्षेत्र को फिर से अशांत घोषित करना पड़ा है। यही नहीं बीते माह उग्रवादी समूह एनएससीएन के आतंकियों द्वारा जिस तरह से सेना के जवानों पर हमला कर दिया गया इस हमले में करीब 18 सैनिक शहीद हो गए थे। इस घटना के बाद आतंकियों द्वारा क्षेत्र की सुरक्षा में सेंध लगाए जाने की बात कही जा रही है।
उग्रवादियों की गतिविधियों को रोकने के लिए यहां सुरक्षा कड़ी करने पर ज़ोर दिया जा रहा था। जिसके बाद केंद्रीय गृहमंत्रालय द्वारा इस तरह का निर्णय दिया गया। उल्लेखनीय है कि यहां वर्ष 2005 से ही अशांति फैली हुई है। बोडो उग्रवादी हमेशा पृथक बोडो लैंड की बात करते रहे हैं। नक्सलवाद की तरह यहां सामने आने वाला माओवाद एक बड़ी समस्या बना हुआ है। जिसे लेकर भारत ने पहली बार म्यांमार सीमा में दाखिल होकर सैन्य कार्रवाई की थी और उग्रवादियों के ठिकाने को ध्वस्त किया था।