नई दिल्ली: पोर्न साइट्स पूर्ण रूप से प्रतिबन्ध लगाने की मांग पर एक याचिका का सुप्रीम कोर्ट में जवाब देते हुए सरकार ने कहा है कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर पूरी तरह प्रतिबंध लगना चाहिए लेकिन हर वक्त सबके बेडरूम में मौजूद भी तो नहीं रहा जा सकता। अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि पोर्न के बैन पर समाज और संसद में एक लंबी चर्चा की जरुरत है। लेकिन हमें एक एकदलीय देश भी नहीं बनना है। सरकारी वकील रोहतगी ने कहा सरकार डिजिटल इंडिया पर ध्यान दे रही है। प्रधानमंत्री अपनी वेबसाइट पर राय मांग रहे हैं कि स्वतंत्रता दिवस के भाषण में क्या क्या होना चाहिए।
इंटरनेट बहुत अहम रोल निभा रहा है। ऐसे में वेबसाइट्स ब्लॉक करने जैसे काम नहीं किए जा सकते क्योंकि इससे अभिव्यक्ति की आज़ादी पर असर पड़ेगा। चाइल्ड पोर्न को बंद करना चाहिए और वो काम हो रहा है लेकिन सभी वेबसाइट्स को बैन करना मुमकिन नहीं है।
बीते सप्ताह सरकार ने नैतिकता और मर्यादा का हवाला देते हुए उन 850 वेबसाइट्स पर प्रतिबंध लगा दिया था जो कथित तौर पर लोगो के सामने अश्लीलता परोसी जा रही है। लेकिन सोशल मीडिया पर इस फैसले का कड़ा विरोध झेलने के बाद सिर्फ चाइल्ड पोर्न तक ही प्रतिबंध को सीमित कर दिया गया।