कावेरी जल विवाद पर एक बार फिर से प्रदर्शन इस बार खाई मिट्टी
कावेरी जल विवाद पर एक बार फिर से प्रदर्शन इस बार खाई मिट्टी
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कर्नाटकः कावेरी जल विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। कावेरी के पानी को लेकर कर्नाटक और तमिलनाडू में जंग छिड़ी हुई है। यहां पर प्रदर्शन के दौरान कर्नाटक के मंड्या में लोगों ने मिट्टी खाकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। 

आपको बता दें कि कावेरी जल विवाद काफी समय से चला आ रहा है यह विवाद अंग्रेजों के समय में 1924 में इन दोनों के बीच समझौता हुआ, लेकिन बाद में विवाद में केरल और पुडंुचेरी भी शामिल हो गए जिससे यह और मुश्किल हो गया। कई बार इसे लेकर एग्रीमेंट किए गये लेकिन इसके बावजूद विवाद की स्थिति जारी रही।

1990 में ट्रिब्यूनल का गठन हो गया। ट्रिब्यूनल ने फैसला किया कि कर्नाटक की ओर से कावेरी जल का तय हिस्सा तमिलनाडु को मिलेगा। कर्नाटक मानता है कि ब्रिटिश शासन के दौरान वह रियासत था जबकि तमिलनाडु ब्रिटिश का गुलाम, इसलिए 1924 का समझौता न्यायसंगत नहीं रहा ।

कर्नाटक का कहना है कि तमिलनाडु की तुलना में वहां कृषि देर से शुरू हुई। वहीं केन्द्र जून 1990 को न्यायाधिकरण का गठन किया और जब तक इस विवाद को सुलझाने की कोशिश चल रही है। और इसी कावेरी के पानी को लेकर कर्नाटक और तमिलनाडू में अभी तक जंग छिड़ी हुई है। कर्नाटक लगातार सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध कर रहा है वहीं तमिलनाडू के लोगों में भी गुस्सा देखने को मिल रहा है।

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