स्वस्थ जीवन के लिए आपको कई तरह से अपना ध्यान रखना पड़ता है. कमज़ोरी के कारण आपको कई बार बेहोशी भी हो जाती है. ये कई कारों से हो सकती है लेकिन इसे कभी हल्के में ना लें. भले ही ये सामान्य लगे लेकिन बेहोशी जानलेवा हो सकती है. जब आप बेहोश होते हैं, तो आप गिर सकते हैं और खुद को घायल कर सकते हैं. कई बार यह घातक चोटों का कारण बन सकता है. अगर आप कभी बेहोश हुए हो, तो ये हृदय विकार की एक चेतावनी हो सकती है. इसे मेडिकल टर्म में 'सिंकोप' के रूप में जाना जाता है.
लक्षण
आपको बता दें, बेहोशी के चेतावनी संकेत में दिल की धड़कन का असामान्य होना, चक्कर आना, बेचैनी, कमजोरी और सांस लेने में तकलीफ शामिल है.
इसके अलावा उम्र के साथ ही बेहोशी से जुड़ा जोखिम बढ़ जाता है. ऐसे लोग जिन्हें कोरोनरी आर्टरी रोग, जन्मजात दिल से जुड़ी कोई परेशानी, वेंट्रिकुलर डिसफंक्शन है, जिन्हें दिल का दौरा पड़ा है. जिन लोगों की कंडक्शन सिस्टम स्लो है, के साथ ही जेनेटिक म्यूटेशन वाले लोगों में भी इसका खतरा अधिक होता है.
सिंकोप का इलाज मरीज के बेहोशी के पिछले रिकॉर्ड के आधार पर किया जाता है. इसका सामान्य तरीका फिजिकल एग्जामिनेशन और ईसीजी (इलेक्ट्रोकार्डियोग्राफी) है.
वहीं इसे रिजल्ट के आधार पर, समस्या की गंभीरता का आकलन करने के लिए व्यापक हार्ट असेस्मेंट की जरूरत हो सकती है.
उपचार
लाइफस्टाइल में बदलाव, दवा और इलाज के जरिए सिंकोप से निपटा जा सकता है. दवाई और थेरेपी बीमारी की स्थिति पर निर्भर करता है.
अपनी बेहोशी का रिकॉर्ड रखें. भले ही एक बार बेहोशी हो, इसे दूर करने और स्पेशलिस्ट को दिखाना चाहिए. बेहोशी को इग्नोर न करें, ये जानलेवा हो सकती है.
घबराहट, सिर चकराने, बहुत कमजोरी महसूस होने, थकान होने या सांस लेने में परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं.
अगर आपको बेहोशी जैसा महसूस हो, तो दिमाग में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर करने के लिए बैठ या लेट जाएं.
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