रांची: जब से धोनी ने कप्तानी छोड़ी हैं तब से सभी लोगो के मन में एक ही सवाल हैं की धोनी ने अचानक ऐसा फैसला क्यों कर लिया वही जब नागपुर के 'द प्राइड होटल' में झारखंड रणजी टीम के खिलाड़ियों को पता चला कि महेंद्र सिंह धोनी ने टीम इंडिया के वनडे व टी-20 की कप्तानी छोड़ दी है, तो सभी भौचक्के हो गए. गेट टू गेदर में पहुंचे सभी खिलाडियों ने धोनी से पूछा कि भैया आपने अचानक कप्तानी क्यों छोड़ दी.
तो उन्होंने अपने ही अंदाज में खिलाडियों को जवाब देते हुए कहा कि तीनो फार्मेट में एक ही कप्तान होना चाहिए इसलिए मेने कप्तानी छोड़ दी. ताकि ये मामला अटका न रहे और बोर्ड जल्द से जल्द कोई फैसला ले सके. में हमेशा देश और टीम के लिए सोचता हूँ. इसलिए सारे फैसले बहुत ही जल्दी लेता हूँ. धोनी ने होटल में आयोजित गेट टू गेदर पार्टी में खिलाडियों के साथ जमकर मस्ती की. और साथ ही खिलाडियों को आगे बढ़ने और अच्छा खेलने की प्रेरणा भी दी.
वही धोनी के साथ कई रणजी मैच खेल चुके झारखंड रणजी टीम के कोच राजीव कुमार राजा ने जब ये खबर सुनी तो वो धोनी से मिलने गए और उनसे जाकर कप्तानी छोड़ने का कारण पूछा तो धोनी ने बड़े ही शांत स्वाभाव से कहा की हां राजा मैंने कप्तानी छोड़ दी है, लेकिन क्रिकेट खेलता रहूंगा. राजा ने कहा कि कप्तानी छोड़ने के बाद भी धोनी के चेहरे पर सिकन तक नही थी.
धोनी कि कप्तानी को लेकर धोनी के बहुत ही करीबी दोस्त चित्तु ने बताया कि धोनी कब क्या करता है, किसी को इसकी भनक तक नहीं लगती. फिर चाहे व्यक्ति उसके बेहद करीब ही क्यों न हो. चित्तू ने धोनी के साथ बचपन में पढाई की हैं. चित्तू ने आगे कहा की धोनी कोई भी फैसला बहुत ही शांत मन से लेता हैं और उसमे अभी बहुत क्रिकेट बाकी हैं. धोनी के स्कूल के क्रिकेट कोच ने भी धोनी के इस फैसले पर आश्चर्य जताया हैं. उन्होंने कहा कि माहि ने कप्तानी छोड़ दी हैं इस बात पर यकीन नही हो रहा था. फिर मैंने जब टीवी खोला तो धोनी के कप्तानी छोड़ने कि बात चल रही थी. उन्होंने धोनी के बारे में कहा कि उसके जैसा खिलाड़ी मिलना मुश्किल हैं. वह देश ही नही,दुनिया का भी हीरो हैं.