चेन्नई: सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय ने तमिलनाडु सरकार को नोटिस जारी कर कहा कि राम मंदिर उद्घाटन के लाइव टेलीकास्ट की इजाजत को खारिज नहीं किया जा सकता। सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि द्रमुक के नेतृत्व वाली सरकार ने कथित तौर पर 'प्राण प्रतिष्ठा' के लाइव टेलीकास्ट पर पाबंदी लगा दी है।
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि अनुमति को सिर्फ इसलिए अस्वीकार नहीं किया जा सकता क्योंकि पड़ोस में अन्य समुदाय रहते हैं। सोमवार की सुनवाई के चलते सर्वोच्च न्यायालय ने तमिलनाडु सरकार से कहा, 'यह एक समरूप समाज है, इसे केवल इस आधार पर न रोकें कि अन्य समुदाय भी हैं।
तमिलनाडु सरकार पर हमला बोलते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, 'दुर्भाग्य से हिंदुओं से नफरत करने वाली DMK सरकार द्वारा पुलिस का दुरुपयोग किया जा रहा है। क्या किसी भी नागरिक को प्रधानमंत्री का कार्यक्रम देखने से मना किया जा सकता है? DMK प्रधानमंत्री के प्रति अपनी व्यक्तिगत नफरत दिखा रही है तथा उपासकों का दमन कर रही है। जो लोग राम की पूजा करना चाहते हैं वे इसे देखना पसंद करेंगे। मेरे पूजा करने के अधिकार का उल्लंघन करना कौन सा अधिकार है? यह मेरे और हर हिंदू के अधिकार का स्पष्ट उल्लंघन है।'
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