कनाडा ने अपने 250 टन यूरेनियम की खेप को भारत की और रवाना कर दिया है. इसी के साथ कनाडा रूस और कजाखस्तान के बाद भारत को यूरेनियम देने वाला तीसरा देश बन चूका है. खबर है कि इस यूरेनियम का उपयोग परमाणु संयंत्र के तौर पर किया जायेगा. जानकारी के अनुसार इस यूरेनियम की खेप के द्वारा परमाणु ऊर्जा रिएक्टरों को ईंधन प्राप्त करने में मदद मिलेगी.एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार कनाडा से यूरेनियम की 250 टन की पहली खेप भारत को प्राप्त हो गई है.
साल 2013 में असैन्य परमाणु समझोते के बाद इसी साल अप्रैल में भारत और कनाडा के बीच असैन्य यूरेनियम की आपूर्ति के लिए समझौता हुआ है. इस समझौते के दौरान भारतीय प्रधान मंत्री मोदी और सितफान हार्पर के बीच लम्बी वार्ता के बाद हस्ताक्षर हुए थे. इसके अनुसार कनाडा भारत को अगले 5 वर्षो तक तीन हजार मैट्रिक टन यूरेनीम की आपूर्ति करेगा.
यह आपूर्ति 25.4 करोड़ डॉलर की कीमत की होगी. आपको बता दे की 1970 में कनाडा ने भारत को यूरेनियम निर्यात करना बंद कर दिया था. दरअसल कनाडा ने आरोप लगाया था कि परमाणु बम बनाने में भारत ने कनाडाई तकनीक का इस्तेमाल किया था.