राजस्थान में राजनीतिक उठापटक तेज हो गया है. उच्च न्यायालय से सचिन पायलट को राहत मिलने के बाद गहलोत खेमे में हलचल जारे पकड़ने लगी है. आक्रामक तेवर में विधानसभा सत्र बुलाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने समर्थकों के साथ राजभवन पहुंचे और धरना दिया. चर्चा के बाद राज्यपाल कलराज मिश्र ने विधानसत्रा सभा सत्र को लेकर सत्तापक्ष से कुछ प्रश्न किए हैं. अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी कैबिनेट के साथ मीटिंग कर जवाब तलाशने वाले है. कयास लगाए जा है कि मंत्रिमंडल आज ही जवाब राज्यपाल को भिजवाएगी.
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बता दे कि राज्यपाल से भेट के बाद प्रेसवर्ता से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री गहलोत ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा. सीएम गहलोत ने सभी एमएलए से बताया कि, गांधीवादी तरीके से पेश आना है. ये हमारे राजप्रमुख हैं संविधान के प्रमुख हैं. हम कोई विवाद नहीं चाहते. उन्होंने बताया कि ऐसा देश के इतिहास में कभी नहीं हुआ, कि राज्यपाल महोदय ने विधानसभा सेशन आहूत करने के लिए मंजूरी न दी हो. राज्यपाल महोदय कैबिनेट के निर्णयों से बाउंड होते हैं. लगता है कि ऊपर से दबाव के कारण विधानसभा सत्र बुलाने के कैबिनेट के प्रस्ताव को अभी तक मंजूरी नहीं मिली है.
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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बताया कि, हमने विधानसभा सत्र बुलाने की मांग की है. विधानसभा में हम बहुमत साबित कर सकते है. महामारी पर चर्चा भी करेंगे. हमने गुरुवार रात्रि को ही राज्यपाल से सत्र को लेकर निवेदन किया था. आज हमने फिर बताया है कि राज्यपाल सत्र बुलाने पर निर्णय करें. उन्होंने कहा कि राज्यपाल को बोल्ड डिसीजन लेना चाहिए. उम्मीद करते हैं कि जल्दी राज्यपाल अपना फैसला सुनाएंगे. निर्णय आने तक हम धरना देंगे. उन्होंने बताया हमेशा विपक्ष विधानसभा सत्र बुलाने की मांग करता है. यहां सत्ता पक्ष विधानसभा सत्र बुलाने की मांग कर रहा है. ऐसा क्या षड्यंत्र है कि विधानसभा सत्र बुलाने की अनुमति नहीं दी जा रही है. वहीं, राजभवन घेराव बयान पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, यह बयान राजनीतिक बयान था. भैरोंसिंह शेखावत ने भी राजभवन में धरना दिया था. भारतीय जनता पार्टी के नए नेताओं को इसकी सूचना नहीं होगी.
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