नई दिल्ली : सर्राफा व्यापारियों के द्वारा शुरू की गई राष्ट्रव्यापी हड़ताल थमने में पूरे 18 दिन का समय लगा है. गौरतलब है कि यह हड़ताल 2 मार्च से शुरू हुई है और लगातार अपना रुख मजबूत करती गई. लेकिन अब इस मामले में यह बात सामने आई है कि इस 18 दिन लंबी हड़ताल के कारण उद्योग जगत को 60 हजार से 70 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
गौरतलब है कि कल रात को इस हड़ताल को खत्म किया गया है लेकिन इसके चलते नुकसान का आंकड़ा काफी ऊपर पहुँच गया है. बताया जा रहा है कि जौहरियों के मुद्दों को लेकर विचार करने के लिए तीन सदस्यीय समिति गठितका गठन किया गया है जोकि मामले की पूरी रिपोर्ट 2 महीने के भीतर सरकार के समक्ष पेश करने वाली है.
मामले में ही रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद के एक बयान से यह बात सामने आई है कि 18 दिन की हड़ताल 60 से 70 हजार करोड़ रुपये के नुकसान का कारण साबित हुई है. गौरतलब है कि ज्वेलर्स के द्वारा केंद्र सरकार पर यह आरोप लगाया जा रहा था कि वह भ्रम फैला रही है. इसके साथ ही यह भी कहा जा रहा था कि सरकार जबरदस्ती व्यापारियों पर एक्साइज थोप रही है, जोकि बहुत ही गलत है. व्यापारियों का कहना था कि यदि एक्साइज ड्यूटी लगाई जाती है तो इससे उनका पूरा बिज़नेस खत्म हो जाना है.