नई दिल्ली: खालिस्तानियों की भीड़ ने शुक्रवार (29 सितंबर) को यूनाइटेड किंगडम (UK) में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोराईस्वामी को स्कॉटलैंड के ग्लासगो शहर में एक गुरुद्वारे में जाने से रोक दिया। यह घटना अल्बर्ट ड्राइव पर ग्लासगो गुरुद्वारे के बाहर उस समय घटी, जब दोराईस्वामी गुरुद्वारा समिति के साथ एक निर्धारित बैठक में भाग लेने जा रहे थे। घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है, जिसमें खालिस्तान चरमपंथी भारतीय राजनयिक की कार के पास इकट्ठा होते दिख रहे हैं।
Forcefully, Indian High Commissioner Vikram Doraiswami asked not to enter Gurudwara, Glasgow. During his visit to Glasgow, Watch this video. @HCI_London @INSIGHTUK2 @FISI_UK @RVCJ_FB @ABPNews @ZeeNewsEnglish @BBCHindi #India @narendramodi @DrSJaishankar @SushilModi @meaindia1 pic.twitter.com/ni8snh6XOj
— Vedant Verma वेदांत वर्मा (@yashverma__97) September 30, 2023
वीडियो में उन्हें दोरईस्वामी को गुरुद्वारे में प्रवेश करने से रोकते देखा जा सकता है। खालिस्तानियों ने ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त से कहा कि उनका "स्वागत नहीं" है। इसके बाद, भारतीय राजनयिक ने लौट जाने का फैसला किया। एक बड़े सुरक्षा उल्लंघन में, एक खालिस्तानी चरमपंथी ने विक्रम दोरईस्वामी की कार में जबरन घुसने की कोशिश की। हालाँकि दरवाज़े अंदर से बंद थे, लेकिन आदमी गाड़ी का हैंडल खींचते हुए देखा गया। घटना के बारे में बात करते हुए, एक ऐसे खालिस्तानी ने बताया कि उन्हें पता चला कि भारतीय राजनयिक एक बैठक के लिए ग्लासगो गुरुद्वारे में आने वाले थे।
उन्होंने कहा कि, ''कुछ लोग आए और उनसे कहा कि उनका स्वागत नहीं है। उन्होंने कहा कि थोड़ी झड़प हुई थी। खालिस्तानी ने कहा कि, 'मुझे नहीं लगता कि जो कुछ हुआ उससे गुरुद्वारा समिति बहुत खुश है। लेकिन ब्रिटेन के किसी भी गुरुद्वारे में भारतीय अधिकारियों का स्वागत नहीं है। हम ब्रिटेन-भारत की मिलीभगत से तंग आ चुके हैं।' अनाम खालिस्तानी ने कहा कि, 'हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद से हालिया तनाव के कारण ब्रिटिश सिखों को निशाना बनाया जा रहा है। इसका संबंध अवतार सिंह खांडा और जगतार सिंह जोहल से भी है।' उन्होंने जोर देकर कहा कि जब कोई भी भारतीय अधिकारी अपनी आधिकारिक क्षमता में गुरुद्वारों का दौरा करता है तो उसका "अभिवादन" नहीं किया जाना चाहिए।
बता दें कि, यह घटना लंदन में भारतीय उच्चायोग पर हुए हमले के महीनों बाद हुई है। 19 मार्च, 2023 को खालिस्तान समर्थक आतंकवादियों ने लंदन में भारतीय उच्चायोग पर धावा बोल दिया था और परिसर से तिरंगे को हटा दिया था। एक व्यक्ति को इमारत की दीवारों पर चढ़ते और 'खालिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाते हुए भारतीय ध्वज उतारते देखा गया था। इसके बाद उसने खुशी से खालिस्तानी झंडा लहराया, जबकि इमारत में मौजूद भारतीय अधिकारियों ने उस व्यक्ति से तिरंगा लेकर अपने पास रख लिया था। इस दौरान शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी (SGPC) महासचिव गुरचरण सिंह ग्रेवाल भारतीय दूत पर हमले को जायज ठहराते दिखे।
#WATCH | Patiala, Punjab: On Vikram Doraiswami, Indian High Commissioner to UK, allegedly stopped from entering a gurdwara in Scotland, SGPC General Secretary Gurcharan Singh Grewal says, "People of England, they are upset with the illegal arrest of Jaggi Johal. That is the… pic.twitter.com/AnE00Amw7b
— ANI (@ANI) September 30, 2023
ग्रेवाल ने कहा कि, 'इंग्लैंड के लोग, जग्गी जोहल की अवैध गिरफ्तारी से परेशान हैं। यही कारण है कि यह सब हो रहा है, हम भारतीय दूतावास से कहना चाहते हैं कि किसी भी तरह का तनाव पैदा नहीं किया जाना चाहिए। अगर किसी गुरुद्वारे में किसी राजदूत के साथ ऐसा कुछ हुआ है, तो इससे सिखों की प्रतिष्ठा पर असर पड़ता है।' उन्होंने कहा कि, 'इससे पहले, एक राजदूत को पीटा गया था, हम इसका समर्थन नहीं करते हैं, दुनिया भर में सिखों की प्रतिष्ठा प्रभावित हुई है। किसी भी गुरुद्वारे में प्रवेश पर कोई प्रतिबंध नहीं है। लेकिन मुझे नहीं पता कि उनके कारण क्या थे। उनकी (विक्रम दोराईस्वामी) यात्रा के कारण पैदा हुए किसी भी तनाव से बचने के लिए, उन्होंने उन्हें रोका होगा।
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