जानिये : बॉक्सिंग के बादशाह अली के बारे में कुछ ख़ास बातें !
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वाशिंगटन : दुनिया के महान मुक्केबाज और 3 बार के विश्व चैंपियन मोहम्मद अली का 74 वर्ष की उम्र में आज (शनिवार) दुनिया को अलविदा कह दिया. उन्हें गुरुवार को सांस लेन में हो रही दिक्कत के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अमरीका के फीनिक्स इलाके के एक निजी अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांसें ली.वह 1980 से इस बीमारी से पीड़ित थे. अली के कई निकनेम्स में से सबसे मशहूर 'द ग्रेटेस्ट, द पीपल्स चैंपियन और द लुइसविले लिप' थे.

अली के एक प्रवक्ता बाब गुनेल के अनुसार, इस पूर्व हैवीवेट चैंपियन के सांस की तकलीफ के कारण एक अज्ञात अस्पताल में इलाज चल रहा था. गुनेल ने कहा था कि लेकिन उनकी स्थिति ठीक हो रही थी, लेकिन उन्हें कुछ समय अस्पताल में बिताना पड़ रहा था. पिछले कुछ सालों में अली को कई बार अस्पताल में भर्ती कराया गया. इससे पहले उन्हें 2015 के शुरू में पेशाब संबंधी परेशानी के कारण अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था.

पर्किंसन से हारे

मुक्केबाजी में दुनिया के सबसे बड़े नामों में से एक मोहम्मद अली पर्किंसन से हार गए. उन्होंने अपने प्रोफेशनल करियर में ज्यादातर फाइट नॉकआउट में जीती थीं. 6 फीट 3 इंच लंबे अली ने अपने करियर में 61 फाइटें लड़ी और 56 जीतीं इनमें से 37 का फैसला नॉकआउट में हुआ. उन्हें अपने करियर में केवल 5 मैच गवाए. अली ने 1964, 1974 और फिर 1978 में विश्व चैंपियनशिप का ख़िताब जीता था. 'द ग्रेटेस्ट, द पीपल्स चैंपियन और द लुइसविले लिप' आदि निकनैम से मशहूर अली ने चार शादियां की थी जिनसे उन्हें सात बेटियां और दो बेटे थे.

यादगार रहा सफर 

अली का जन्म 17 जनवरी 1942 को हुआ था. उनका शुरुआती नाम कैसियस मर्सेलुस क्ले जूनियर था. अली ने 12 साल की उम्र में बॉक्सिंग ट्रेनिंग शुरू की थी और सिर्फ 22 साल की उम्र में 1964 में सोनी लिस्टन को हराकर वर्ल्ड हैवीवेट चैंपियनशिप जीत ली थी. इस जीत के कुछ ही वक्त बाद उन्होंने डेट्रॉएट में वालेस डी फ्रैड मुहम्मद द्वारा शुरू किया गया 'नेशन ऑफ इस्लाम' ज्वाइन कर अपना नाम बदल लिया. अपनी मशहूर जीत के 3 साल बाद उन्होंने यूएस मिलिट्री ज्वाइन करने का ऑफर मिला जिसे उन्होंने ठुकरा दिया.

इसके पीछे उन्होंने तर्क दिया कि अमरीका के वियतनाम युद्ध में भाग लेने के चलते उनकी धार्मिक मान्यताएं आहत हुई हैं. सेना को मना करने के चलते अली को गिरफ्तार कर उनका हैवीवेट टाइटल छीन लिया गया. कानूनी पचड़ों के चलते अली अगले चार साल तक फाइट नहीं कर पाए. 1971 में अमरीकी सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सजा पलट दी. अली के युद्ध के लिए ईमानदारी से मना करने के फैसले ने उन्हें हीरो बना दिया. कैसियस क्ले के नाम से मशहूर इस बॉक्सर ने 1975 में सुन्नी इस्लाम धर्म कबूल कर लिया। इसके तीस साल बाद उन्होंने सूफिज्म का रास्ता पकड़ लिया. 

मशहूर पहलवान जॉर्ज वैग्नर से प्रभावित अली प्रेस कॉन्फ्रेंस और इंटरव्यू के लिए किसी मैनेजर के भरोसे ना होकर इन्हें खुद ही हैंडल करते थे। 6 फीट 3 इंच लंबे अली ने अपने करियर में 61 फाइटें लड़ी और 56 जीतीं इनमें से 37 का फैसला नॉकआउट में हुआ. उन्हें अपने करियर में सिर्फ पांच बार हार का सामना करना पड़ा। अली के कई निकनेम्स में से सबसे मशहूर 'द ग्रेटेस्ट, द पीपल्स चैंपियन और द लुइसविले लिप' थे.

3 पंच में किया काम तमाम  

अली ने 25 मई, 1965 को मुहम्मद अली और सोनी लिस्टन के बीच WBC वर्ल्ड हैवीवेट चैम्पियनशिप की फाइट के दौरान अली ने ल्विस्टन माइन को सिर्फ 3 पंच में ही ढेर कर दिया था.अली के इन पंचेज को फॉन्टम पंच भी कहा जाता है.

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