बीजिंग : आपने हजारों वर्षों से संरक्षित रखे हुए शव तो देखे ही होंगे। इन शवों को कहीं गुफा में, बौद्ध मठों में मिस्त्र के पिरामिडों में या अन्य किसी स्थान पर आपने रखा देखा होगा। दरअसल ये ममी होती हैं। इंसान का जीवन समाप्त होने के बाद उसके शव को विशिष्ट लेप लगाकर रखा जाता है इससे उसका शरीर संरक्षित रहता है। इसे ममी कहा जाता है। कहीं-कहीं पर इनका पूजन भी होता है। ऐसी ही एक ममी को कुछ लोगों ने अलग तरह से रखा है।
दरअसल इस ममी को कुछ लोगों ने सोने से जड़ दिया था। इस ममी में बौद्ध भिक्षु भगवान बुद्ध की तरह ही ध्यान की मुद्रा में नज़र आ रहे हैं। यह ममी करीब 900 वर्ष पुरानी थी। इसे लिविंग बुद्धा के नाम से जाना गया है। दरअसल इस ममी को नीदरलेंड के एक अन्वेषक ने खोजा।
दरअसल फुजिआन शहर में लिविंग बुद्धा मानकर उसका पूजन किया गया। मिली जानकारी के अनुसार फजिआन में फु हाॅऊ नामक बौद्ध भिक्षु वर्ष 2012 में महानिर्वाण को प्राप्त हो गए। बौद्ध भिक्षु के शव को रेन नामक अधिकारी के नेतृत्व में सोने की परत चढ़ाकर सदैव के लिए जिंदा कर दिया गया।