झारखंड: अमित शाह ने किया जमकर प्रचार, फिर भी मिली चुनाव में करारी हार
झारखंड: अमित शाह ने किया जमकर प्रचार, फिर भी मिली चुनाव में करारी हार
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रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने भले ही स्टार प्रचारकों की बड़ी फौज उतार दी गयी थी, परंतु इस चुनाव में मतदाताओं के कोप भाजन बनने से वे भी अपने प्रत्याशियों को नहीं बचा पाए. दूसरी ओर कम स्टार प्रचारकों के साथ उतरे गठबंधन ने अच्छी सफलता प्राप्त कर झारखंड की सत्ता बीजेपी से छीन ली.  बीजेपी के स्टार प्रचारकों की सूची में सबसे ऊपर रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अध्यक्ष अमित शाह ने जिन-जिन क्षेत्रों में रैलियां कीं, ज्यादातर क्षेत्रों में बीजेपी प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा.  जमशेदपुर में नरेंद्र मोदी ने चुनावी रैली की थी, लेकिन बीजेपी को सबसे बड़ी हार का सामना वहीं करना पड़ा, जहां मुख्यमंत्री रघुवर दास को उनके ही मंत्रिमंडल के सहयोगी रहे और बगावत कर चुनावी मैदान में बतौर निर्दलीय उतरे सरयू राय के सामने हार का मुंह देखना पड़ा था . जमशेदपुर पश्चिम में भी प्रधनमंत्री की चुनावी रैली का लाभ नहीं मिला और वहां भी बीजेपी के देवेंद्र नाथ सिंह को कांग्रेस के बन्ना गुप्ता ने पटखनी दे दी.

प्रधानमंत्री ने इसके साथ गुमला, बरही, दुमका और बरहेट में भी चुनावी रैलियों को संबोधित किया था, परंतु उन क्षेत्रों में भी बीजेपी प्रत्याशियों को हार का मुंह देखना पड़ा. दुमका और बरहेट से झामुमो, राजद और कांग्रेस गठबंधन के मुख्यमंत्री प्रत्याशी हेमंत सोरेन ने जीत दर्ज की.  बीजेपी के दूसरे स्टार प्रचारक और देश के गृहमंत्री अमित शाह का जादू भी झारखंड के मतदाताओं पर नहीं चला. उन्होंने ने भी जिन इलाकों में चुनावी रैलियों को संबोधित किया, उनमें से अधिकांश क्षेत्रों में बीजेपी प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा. शाह इस चुनाव में मनिका, लोहरदगा, चतरा, गढ़वा, बहरागोड़ा, चक्रधरपुर, गिरिडीह, पाकुड़, पोडैयाहाट, देवघर और बाघमारा में यानी कुल 11 चुनावी रैलियों को संबोधित किया था. इनमें से मात्र देवघर और बाघमारा सीट को छोड़कर सभी सीटों पर भााजपा प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा. उल्लेखनीय है कि बीजेपी के स्टार प्रचारकों में शामिल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, स्मृति ईरानी ने यहां कई दौरे किए थे.

दूसरी तरफ, कांग्रेस ने झारखंड बनने के बाद पहली बार इतनी बड़ी सफलता पाई है. कांग्रेस ने इस चुनाव में झामुमो और राजद के साथ चुनावी गठबंधन कर 16 सीटों पर जीत दर्ज की है.  कांग्रेस की ओर से या यूं कहे गठबंधन की ओर से स्टार प्रचारक राहुल गांधी ने इस चुनाव में सिमडेगा, राजमहल, बड़कागांव, खिजरी और महागामा में कुल पांच चुनावी रैलियां की. इनमें से सिर्फ राजमहल सीट से कांग्रेस प्रत्याशी को हार का समना करना पड़ा, इसके अलावा चार सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशी विजयी हुए. कांग्रेस की स्टार प्रचारक प्रियंका गांधी ने इस चुनाव में सिर्फ पाकुड़ में एक चुनावी रैली को संबांधित किया, जहां से कांग्रेस प्रत्याशी आलमगीर आलम ने राज्य में सर्वाधिक मतों के अंतर (65,108 मतों से) से जीत दर्ज की है. इस चुनाव में झामुमो के स्टार प्रचारक हेमंत सोरेने ने कुल 54 सीटों पर प्रत्याशियों के प्रचार के लिए 126 चुनावी रैलियों को संबोधित किया, जिसमें से 47 सीटों पर गठबंधन के प्रत्याशी विजयी हुए हैं.

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