बचपन से ही  नील आर्मस्ट्रॉन्ग को थी उड़ने में रुचि, फिर इस तरह किया अपने सपने को पूरा
बचपन से ही नील आर्मस्ट्रॉन्ग को थी उड़ने में रुचि, फिर इस तरह किया अपने सपने को पूरा
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वाशिंगटन: अमेरिका के नील आर्मस्ट्रॉन्ग ह्यूमन हिस्ट्री में दुनिया के सबसे पहले ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने चंद्रमा पर कदम रखा था.  जिसके उपरांत दुनिया के सबसे मशहूर इंसानों में से एक बन गए. चांद पर कदम रखते ही उनका बोला वाक्य, ‘इंसान का एक छोटा कदम, और इंसानियत की लंबी छलांग’ आज तक लो याद करते है. आज से 52 वर्ष पूर्व NASA के अपोलो 11 अभियान के अंतर्गत चंद्रमा पर उतरने वाले आर्मस्ट्रॉन्ग की आज यानी 25 अगस्त को डेथ एनिवर्सरी है. वर्ष 2012 में उनका निधन हो गया था. लेकिन वे अंतिम वक़्त तक अपनी शोहरत और प्रचार से दूर रहे.

बचपन से ही उड़ने में थी रुचि:  इतना ही नहीं 5 अगस्त 1930 को ओहियो को वापाकाओनेटा में जन्मे नील आर्मस्ट्रॉन जर्मन स्कॉट-आरिश, और स्कॉटिश के वंशज थे. उनके पिता स्टीफन कोयनिंग ओहियो राज्य गवर्नमेंट में ऑडिटर थे. तीन भाई बहनों में सबसे बड़े नील को बचपन से ही हवाई और अंतरिक्ष यात्रा के प्रति रूचि थी.  5 - 6 वर्ष की आयु  में ही उन्हें पहली हवाई उड़ान का अनुभव हुआ.

स्काउट के प्रति विशेष लगाव: जहां इस बात का पता चला है कि 16 वर्ष की आयु में ही उन्होंने वापाकाओनेटा में फ्लाइंग स्कूल में प्रशिक्षण प्राप्त करते हुए स्टूडेंट फ्लाइट सर्टिफिकेट लिया जबकि उस समय उन्होंने कार का ड्राइविंग लाइसेंस तक नहीं मिल पाया था. जिसके उपरांत उन्हें खास ईगल स्काउट अवार्ड और सिल्वर बफैलो अवार्ड से स्काउट में पहचान हासिल की. वे चंद्रमा की उड़ान में अपने साथ वही वर्ल्ड स्काउट बैज साथ ले गए थे.

पहले अंतरिक्ष यात्री होने के योग्य नहीं थे आर्मस्ट्रॉन्ग: हम बता दें कि 1956 में नील ने जेनेट एलिजाबेथ शेरोन से शादी की उनके तीन बच्चे थे जिसमें से एक की 2  वर्ष की आयु में मौत हो गई थी. 1958 में नील अमेरिका की एयर फोर्स के मैन इन स्पेस सूनेस्ट कार्यक्रम में चुने गए, लेकिन वह कार्यक्रम रद्द किया गया था. उस समय आर्मस्ट्रॉन्ग सिविलयन टेस्ट पायलट थे इसलिए अंतरिक्ष यात्री होने के योग्यता नहीं रखते थे, लेकिन 1962 में प्रोजेक्ट जेमिनी के लिए आवेदन मंगाए थे जिसके लिए सिविलयन टेस्ट पायलटों को योग्य माना गया था.

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