नई दिल्ली : चारा घोटाले से जुड़ी फाइलों के गायब होने के मामले में बीजेपी ने बिहार की नीतीश कुमार सरकार को आड़े हाथों ले लिया है। बीजेपी का कहना है कि फाइलों का गायब होना इस बात को दर्शाता है कि कैसे राज्य सत्ता का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है और उन मामलों को दबाने का प्रयास किया जा रहा है, जिसमें राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की संलिप्तता है।
केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रुडी ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि फाइलों का गायब होना अलग मामला नहीं है। राज्य में राजद और जदयू का सरकार बनने के बाद से सरकार अपराध और अपराधियों का संरक्षक बनी हुई है। बुधवार को इस पर राज्य सरकार ने कहा कि पशुपालन विभाग से गायब हुई 500 फाइलों में से चारा घोटाला की फाइलें नहीं है।
विभाग का कहना है कि कुछ फाइलें कानूनी विवाद या पशु चिकित्सकों से जुड़ी हो सकती है, जिसका निपटारा हो चुका है। विभाग के डायरेक्टर राधेश्याम शाह ने कहा कि गायब हुई फाइलों में ऐसी कोई भी फाइल नहीं थी, जो विचाराधीन हो। बता दें कि 16 मई को पशुपालन विभाग की 500 फाइलें गायब हुई थी।
इस मामले में एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी। पशुपालन मंत्री अवधेश कुमार सिंह ने कहा कि जिन मामलों का संबंध सीबीआई से था, वो उन्हें पहले ही सौंपा जा चुका है। नीतीश के नारे को आड़े हाथों लेते हुए रुडी ने कहा कि बिहार बिहारियों का नहीं बल्कि बिहार अपराधियों के लिए है।