बिना डिग्री के दे दी जॉब, बगैर नियुक्ति के वेतन.., दिल्ली के 'शिक्षा मॉडल' में बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा
बिना डिग्री के दे दी जॉब, बगैर नियुक्ति के वेतन.., दिल्ली के 'शिक्षा मॉडल' में बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा
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नई दिल्ली: शराब घोटाले और भ्रष्टाचार के आरोपों में बुरी तरह फंस चुकी दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार की मुश्किलें एक और बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद बढ़ गई हैं। दरअसल, दिल्ली के सरकारी स्कूलों में गेस्ट टीचर्स की नियुक्ति, वेतन भुगतान से लेकर लीव बेनेफिट्स लेने के मामले में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। शिक्षा निदेशालय ने दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) वी.के. सक्सेना को जो रिपोर्ट सौंपी है, वो वाकई हैरान कर देने वाली है। बता दें कि, दिल्ली का शिक्षा विभाग भी मनीष सिसोदिया के ही अंतर्गत आता है, जो पहले ही शराब घोटाले के कारण जेल में हैं। 

रिपोर्ट के अनुसार, LG वीके सक्सेना ने दिल्ली सरकार के स्कूलों में 'अनुपस्थित गेस्ट टीचर्स' को वेतन के भुगतान में कथित वित्तीय गड़बड़ी की आंतरिक जांच का आदेश दिया था। इसके जवाब में जिला शिक्षा अधिकारियों ने अब असमान प्रतिशत मानदंड, शैक्षिक और जाति प्रमाण पत्र और गैरमौजूद पत्र जैसे महत्वपूर्ण डाक्यूमेंट्स के गायब होने की सूचना दी है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, LG ने सितंबर 2022 में अपने आदेश में शिक्षा निदेशालय को 30 दिनों के अंदर मामले पर एक रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए थे। हालांकि, जिला शिक्षा अधिकारियों को अपनी रिपोर्ट सौंपने में बहुत देर हो गई। वहीं, उत्तर-पूर्वी जिले में जोन 6 के अधिकारी ने अभी भी रिपोर्ट जमा नहीं की है। पश्चिमी जिले ने गेस्ट टीचर्स को वेतन भुगतान में फर्जीवाड़े के 16 मामलों का जिक्र किया है और ऐसे मामले भी थे, जिनमें एंगेजमेंट लेटर्स ही मौजूद नहीं थे। दक्षिण जिले में भी एंगेजमेंट लेटर्स की अनुपलब्धता के 24 मामले थे। नॉर्थ-वेस्ट बी में गेस्ट टीचर्स की सैलरी के बारे में भी अनियमितताएं पाई गईं, जैसे कि अधिक या कमी वाले भुगतान के साथ ही मातृत्व अवकाश वेतन में भुगतान।

इसके साथ ही, कई ऐसे मामले भी सामने आए थे जहां गेस्ट टीचर्स को एक वैध OBC प्रमाण पत्र के बगैर अन्य पिछड़े वर्ग श्रेणी के तहत नौकरी पर रखा गया था। अधिकारियों ने उन मामलों की भी जानकारी दी है, जहां कुछ शिक्षकों के लिए पात्रता मानदंडों में राहत प्रदान की गई थी। एक मामले में, टीचर ने अपनी योग्यता के रूप में पर्यावरण विज्ञान में MSC की डिग्री को सूचीबद्ध किया था, मगर उसे जीव विज्ञान में स्नातकोत्तर टीचर के रूप में नौकरी पर रखा गया था। एक अन्य मामले में, एक गेस्ट टीचर को विषय में स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त किए बगैर गृह विज्ञान को पढ़ाने के लिए नौकरी पर रखा गया था।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ऑडिट आपत्ति के बावजूद कुछ टीचर्स को काम पर रखा गया था। एक गेस्ट टीचर को भर्ती नियमों का उल्लंघन करते पाया गया था। उत्तर-पूर्वी दिल्ली के एक स्कूल में, एक टीचर को डिग्री लिए बगैर गणित में एक प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (TGT) के रूप में नौकरी पर रखा गया था। विभिन्न जिलों में संदिग्ध स्थिति के करीब 109 मामलों को सूचीबद्ध किया गया है। सितंबर 2022 में, सक्सेना ने धन का गबन के मामले में भ्रष्टाचार विरोधी निकाय (ACB) को दो सेवारत और दो रिटायर्ड वाइस प्रिंसिपल के खिलाफ जांच की इजाजत दी थी। आरोपियों ने कथित तौर पर उत्तर-पूर्वी दिल्ली के मानसरोवर पार्क के सरकारी स्कूल के तीन गेस्ट टीचर्स को अप्रैल 2016 और मार्च 2018 के बीच 2 लाख रुपये दिए थे, जब उनमें से कोई भी वास्तव में नियुक्त नहीं किया गया था। LG सचिवालय ने ऐसे मामलों पर गंभीर चिंता प्रकट की थी।

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