अब बने बनाए मकान बेचेगे बड़े डेवलपर्स
अब बने बनाए मकान बेचेगे बड़े डेवलपर्स
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नई दिल्ली : भवन निर्माताओं की धोखाधड़ी और मूल्य वृद्धि को लेकर चिंतित सरकार ने जनता के हित में ' रियल स्टेट रेग्युलेशन एन्ड डेवलपमेंट एक्ट' बनाया लेकिन अब बड़े डेवलपर्स ने इस कानून से बचने के लिए नया तरीका खोज लिया है . अब वे प्रोजेक्ट लांच करने के बजाय बने बनाए ( रेडी टू मूव ) फ़्लैट बेचेंगे इससे उन पर रियल स्टेट बिल लागू नहीं होगा.

रियल स्टेट के इस नए कानून में प्रोजेक्ट लांच होने के बाद एक अलग खाता खोलना होगा जिसमें पूरी निर्माण लागत का 70 फीसदी पैसा जमा कराना होगा.इस पैसे से प्रोजेक्ट को पूरा किया जाएगा .डेवलपर्स का कहना है कि बड़े शहरों में भूमि की कीमत बहुत ज्यादा होती है और कंस्ट्रक्शन लागत कम होती है.ऐसे में यदि डेवलपर्स को खाते में 70 फीसदी जमा कराना पड़ता है तो वे खरीदार से कम पैसा वसूल कर पाएंगे .जबकि भूमि के मूल्य का भुगतान डेवलपर्स को करना होगा

. इस सम्बन्ध में 'नेशनल रियल स्टेट डेवलपमेंट काउंसिल (नेरडको ) के अध्यक्ष प्रवीण जैन ने बताया कि इस विषय पर कई बार चर्चा हो चुकी है .यदि भूमि की लागत डेवलपर्स को देनी है तो फिर कन्स्ट्रकशन पर खर्च कम आता है .इससे तो बेहतर है कि डेवलपर्स एक बार प्रोजेक्ट की पूरी कास्ट का इंतजाम कर ले और प्रोजेक्ट को बनाकर बेचे. इस बारे में बड़े डेवलपर्स गम्भीरता से सोच रहे हैं .

रेडी टू मूव घर बेचने के कई फायदे हैं सबसे बड़ा फायदा तो यह होगा कि हमें अपना प्रोजेक्ट इस एक्ट के तहत रजिस्टर नहीं कराना पडेगा.इससे एक्ट के कई प्रावधानों से बच जाएंगे .अपनी सभी जानकारियां सरकार को नहीं देना पड़ेगी. डेवलपर्स को इसमें अपना प्रॉफिट जोड़कर अच्छा ऑफर दे पाएंगे. लेकिन इसमें खरीदारों को ज्यादा कीमत देना होगा.

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