शाहाबाद के भील समाज को अब भी नहीं मिल पा रही सरकारी सुविधाएं, प्रशासन बेसुध
शाहाबाद के भील समाज को अब भी नहीं मिल पा रही सरकारी सुविधाएं, प्रशासन बेसुध
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जयपुर: राजस्थान के कोटा संभाग के बारां जिले के आदिवासी क्षेत्र शाहाबाद के दूरस्त क्षेत्र में बसे कई परिवार अब भी सरकारी सुविधाओं के लिए कड़ी मशक्कत कर रहे हैं. यहां के लोगों के लिए शिक्षा, चिकित्सा और राशन तक की सरकारी सुविधा लेना बड़ी मेहनत भरा कार्य है. यहां तक कि इनको सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी तक नहीं है. बच्चे भी मात्र कहने भर को स्कूल जाते हैं.

बच्चों के सामने अपने परिवार का पेट भरें या स्कूल जाएं यह सवाल मुंह फाड़े हमेशा खड़ा रहता है. ऐसे में गरीबी के कारण ही कई परिवार अपने बच्चों को भेड़ को चराने वाले पशु पालकों के पास गिरवी तक रख देते हैं. शाहाबाद ब्लॉक में 172 सरकारी स्कूल हैं. इनमें दो हजार के लगभग इन गरीब बच्चों का नामांकन है, किन्तु स्कूल में इनकी मौजूदगी नाम मात्र की ही रहती है। वहीं, ग्रामीण लोगों का कहना है कि सरकार स्कूल तो खोलती है, किन्तु वहां व्यवस्थाएं सही नहीं चलती. सवाल हमारे पेट का है. बच्चे पढ़ते नहीं हैं. ऐसे में हम उन्हें काम करने भेज देते हैं.

अध्यापक बच्चों को सही ढंग से पढ़ाते भी नहीं है. साथ ही वक़्त पर विद्यालय भी नहीं आते हैं और जल्दी वापस चले जाते हैं. ऐसे में बच्चों को पढ़ाई का माहौल नहीं मिल पाता है. विद्यालय में बच्चों को पढ़ने के लिए भेजते हैं तो वहां भी वह मौज मस्ती करते दिखाई देते हैं. इसलिए बच्चों को काम करने भेज देते हैं. सरकारी स्कूलों में भेजते हैं तो ना तो बच्चे पढ़ पाते हैं ना ही काम कर पाते हैं.  

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