आप सभी को बता दें कि इस बार बसंत पंचमी 10 फरवरी को मनाई जाने वाली है. यह उत्तर भारत के कई राज्यों में श्री पंचमी के नाम से जानी जाती है लोग इसे वसंत पंचमी और सरस्वती पंचमी के नाम से जानते हैं. इस बार बसंत पंचमी 9 फरवरी को भी मनाई जाने वाली है. कहा जा रहा है बसंत पंचमी के दिन प्रयागराज में चल रहे कुंभ में शाही स्नान भी होने वाला है. यह कुंभ मेले का चौथा शाही स्नान मना जाने वाला है. कहते हैं इस दिन मां सरस्वती की खास पूजा करते हैं और सरस्वती को ज्ञान, कला और संगीत की देवी कहते हैं. आप सभी को बता दें कि मां सरस्वती की आराधना करने वाले भक्त बसंत पंचमी के दिन पीले रंग के वस्त्र पहनते हैं लेकिन ऐसा क्यों यह आप नहीं जानते होंगे तो हम आपको बताते हैं. आइए बताते हैं.
आखिर क्यों बसंत पंचमी पर पीले वस्त्र - कहते हैं बसंत पंचमी के दिन पीला रंग पहनना शुभ माना जाता है और इसके पीछे दो महत्वपूर्ण कारण बताए गए हैं. जिसमे पहला बसंत को ऋतुओं का माना जाता है और बसंत पंचमी के दिन से कड़कड़ाती ठंड खत्म होकर मौसम सुहावना होने लगता है. इस समय हर तरफ पेड़-पौधों पर नई पत्तियां, फूल-कलियां खिलने लग जाती हैं और इस मौसम में सरसों की फसल की वजह से धरती पीली नज़र आती है. इस वजह से इस दिन बसंत पंचमी का स्वागत पीले कपड़े पहनकर किया जाता है. वहीं स्कूलों, शिक्षण संस्थानों और मंदिरों में मां सरस्वती की प्रतिमा को पीले रंग के वस्त्रों और आभूषणों से सजाया जाता है और मां सरस्वती की आराधना करने वाले भक्त भी बसंत पंचमी पर पीले कपड़े पहनते हैं.
इसी के साथ दूसरी मान्यता के अनुसार बसंत पंचमी के दिन सूर्य उत्तरायण होता है और इस कारण से पीली किरणें इस बात का प्रतीक है कि सूर्य की तरह गंभीर और प्रखर बनना चाहिए. इन दो कारणों से इस दिन पीले कपड़े पहनते हैं.
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