ओबामा ने रक्षा नीति विधेयक पर किए हस्ताक्षर
ओबामा ने रक्षा नीति विधेयक पर किए हस्ताक्षर
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वाशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने बुधवार को रक्षा नीति विधेयक पर हस्ताक्षर किए, जिसमें ग्वांतानामो खाड़ी से अमेरिका में कैदियों के स्थानांतरण पर प्रतिबंध भी शामिल है। इस विधेयक से सीधे तौर पर ग्वांतानामो बंदीगृह का बंद होना प्रभावित होगा। यह रक्षा विधेयक 607 अरब डॉलर का है। ओबामा ने अपने बयान में बुधवार को राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकरण अधिनियम (एनडीएए) पर हस्ताक्षर के अपने फैसले को विस्तार से समझाया, क्योंकि इससे सैन्यकर्मियों और उनके परिजनों को व्यापक लाभ, विश्वभर में चल रहे अभियानों का प्रशासन, सैन्य सेवानिवृत्त प्रणाली में महत्वपूर्ण सुधार और अन्य सैन्य मुआवजा राशि कार्यक्रमों में आंशिक सुधार भी शामिल हैं।

ओबामा ने कहा, लेकिन इस विधेयक में ग्वांतानामो में हिरासत की गतिविधियों से संबंधित प्रतिबंध अवांछित और अहितकारी हैं। जानकारी के अनुसार ओबामा ने यह भी कहा कि वह बहुत निराश हैं, क्योंकि अमेरिकी संसद एक बार फिर ग्वांतानामो बंदीगृह को बंद करने की दिशा में निर्णायक कदम उठाने में असफल रही है। यह बंदीगृह क्यूबा में स्थित है। ओबामा ने बयान में कहा, जैसा कि मैंने पहले भी कहा है कि इस बंदीगृह के संचालन से हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा कमजोर हुई है, मुख्य साझेदारों के साथ हमारे संबंध बिगड़े हैं और चरमपंथियों को प्रोत्साहन मिला है।

ओबामा ने कहा, कार्यकारी शाखा को गुवांतानामो में बंद प्रत्येक कैदी के मामले के तथ्यों और परिस्थितियों और हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के हितों के आधार पर फैसला लेना है कि उनके खिलाफ कब और कहां मुकदमा चलाना है। उन्हें हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा और मानव स्वभाव नीति के साथ कब और कहां स्थानांतरित करना है, इस पर भी फैसला करना है। ओबामा ने अक्टूबर में इस विधेयक के पहले मसौदे के लिए अपने वीटो (निषेधाधिकार) का इस्तेमाल किया था, क्योंकि यह विधेयक ग्वांतानामो बंदीगृह को बंद करने में अवरोधक था।

10 नवंबर को कांग्रेस ने एनडीएए के एक संशोधित संस्करण को पारित कर दिया था, जिस पर ओबामा ने हस्ताक्षर किए थे। ओबामा ने 2008 में अपने पहले चुनावी अभियान में ग्वांतानामो बंदीगृह को बंद करने का वादा किया था, जो अभी तक अधूरा है। वर्तमान समय में ग्वांतानामो बंदीगृह में कुल 107 कैदी हैं, देश के पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने 11 सितंबर 2001 को हुए आतंकवादी हमले के बाद इसे खोला था, उस समय इस बंदीगृह में 800 कैदी थे।

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