प्यार बिना चैन कहा रे..जैसे कई सुपर डुपर हिट गीत में अपनी आवाज देने वाले मशहूर संगीतकार बप्पी लाहिरी का आज जन्मदिन है. आज ही के दिन 1952 को पश्चिम बंगाल के कोलकाता शहर में जन्मे बप्पी लाहिरी का नाम उन गिने चुने संगीतकारों में लिया जाता है, जिन्होंने संगीत में एक नई शैली 'डिस्को थेक' विकसित कर दिया. बप्पी लाहिरी का मूल नाम आलोकेश लाहिरी था. उनके पिता अपरेश लाहिरी एक बंगाली गायक थे और माँ वनसरी लाहिरी संगीतकार और गायिका थी.
अपने माँ-बाप के कारण बप्पी लाहिरी की भी जन्म से संगीत में काफी रूचि थी. संगीत के प्रति उनके जूनून को देखते हुए, उनके माँ-बाप ने भी उन्हें संगीत के क्षेत्र में आगे बढ़ने में मदद की. उनके माँ-बाप दवारा ही उन्हें संगीत की प्रारम्भिक शिक्षा दी गई. गौरतलब है कि बप्पी लाहिरी मात्र तीन साल की उम्र में तबला बजाने लेने लग गए थे. अपनी 'डिस्को थेक' की शैली के कारण बप्पी लाहिरी का काफी विरोध भी हुआ था, लेकिन बाद में लोग उनके गाने को पसंद करने लग गए.
बता दे कि बप्पी लाहिरी ने अपने कैरियर की शुरुआत 1972 में बंग्ला फिल्म 'दादू' से की थी, लेकिन उन्हें सफलता हासिल नहीं हुई. इसके बाद बप्पी लाहिरी मुंबई आ गए और वर्ष 1973 में उन्होंने फिल्म 'नन्हा शिकारी' में बतौर संगीतकार काम किया था. यह उनके कॅरियर की पहली हिंदी फिल्म थी. इसके बाद वे कई फिल्मो में अपना संगीत दे चुके थे. लेकिन उन्हें असल सफलता मिथुन चक्रवाती की फिल्म डिस्को डांसर से मिली थी.