एथेंस : आज ग्रीस सरकार ने 3 हफ़्तों के बाद बैंक खोले हैं. वहीँ ग्रीस सरकार अर्थव्यवस्था को फिर से दुरुस्त करने के लिए सरकार में बदलाब और कर की दरों में फिर से बढ़ोतरी करने की तैयारी कर रही है. देश को विदेशी ऋणदाताओं की शर्तों के अनुसार राजकोषीय सुधार के कदम उठाने हैं. बैंकों के न खुलने से अर्थव्यवस्था को आपूर्ति तथा निर्यात के अस्त व्यस्त होने से लगभग 3 अरब यूरो (3.3 अरब डॉलर) का नुकसान हुआ है.
संकट ग्रस्त ग्रीसवासियों के लिए बहुत से आवश्यक उत्पाद एवं सेवाएं (चीनी से लेकर कोकोआ और अंत्येष्टि सेवा) महंगी हो जाएगी. इन पर शुल्क अब 13 फ़ीसदी से बढ़ाकर 23 फ़ीसदी किया जा रहा है.ये कदम उन कठोर राजकोषीय उपायों का भाग हैं, जिन पर ग्रीस ने ऋणादाताओं के साथ पिछले सप्ताह सहमति जताई थी और उसी के बाद वे ग्रीस को वित्तीय संकट से उबरने में सहायता करने के लिए राजी हुए हैं. इन शर्तों के साथ उसे 3 साल का राहत पैकेज दिए जाने और यूरो क्षेत्र में बनाए रखने पर सहमति हुई है.
सरकारी खर्चों में कटौती की शर्त पर ग्रीस के सत्ताधारी दल में ही विद्रोह हो रहा है, जिसके कारण प्रधानमंत्री एलेक्सिस सिप्रास को शुक्रवार को सीमित फेर-बदल करना पडे.ज्यादातर विश्लेषक और यहां तक कि सरकारी अधिकारी का मानना हैं कि देश में अब मध्यावधि चुनाव लगभग तय है और यह सितंबर में हो सकता है.