बाल ठाकरे की वो पांच बातें, जो उन्हें बनाती हैं 'टाइगर ऑफ़ मराठा'
बाल ठाकरे की वो पांच बातें, जो उन्हें बनाती हैं 'टाइगर ऑफ़ मराठा'
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मुंबई: एक समय पुरे महाराष्ट्र पर एकछत्र राज करने वाले शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे किसी परिचय के मोहताज़ तो नहीं हैं, लेकिन इस कद्दावर शख्सियत के बारे में आज भी कुछ ऐसी बातें हैं, जो आम जनता के सामने नहीं आ पाई है. आज उनकी पुण्यतिथि के अवसर पर हम आपके लिए लाये हैं, उनके जीवन से जुड़े 5 ऐसे अनछुए पहलु, जो शायद आपको पता नहीं होंगे. 

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1 -कार्टूनिस्ट बाल ठाकरे मराठी में अपने संगठन शिवेसना का मुखपत्र 'सामना' का प्रकाशन किया करते थे, जो आज भी प्रकाशित हो रहा है. बाल ठाकरे और मशहूर कार्टूनिस्ट आर के लक्ष्मण ने एक साथ काम किया है, साल 1947 में फ्री प्रेस जर्नल में दोनों एक साथ काम किया करते थे, राजनीति में आने के बाद भी दोनों कि मुलाकात होती रहती थी.

2 - बाल ठाकरे का फिल्म जगत से बेहद करीबी का रिश्ता रहा है, अभिनेता संजय दत्त जब टाडा के दौरान मुश्किल में घिरे थे, उस समय में उन्हें बाल ठाकरे ने हर संभव मदद दी थी. प्रसिद्ध अभिनेता दिलीप कुमार यानी यूसुफ खान और बाल ठाकरे के बीच एक वक्त गहरी दोस्ती थी. ठाकरे ने खुद एक इन्टरव्यू में इस बारे में कहा था "दिलीप साहब मेरे साथ शाम की बैठक लगाया करते थे, लेकिन बाद में पता नहीं क्या हुआ कि वो मुझसे दूर होते चले गए."

3 - साल 1996 में जब पॉप स्टार माइकल जैक्सन भारत आए, तो देश में कई जगह उनका भारी विरोध हुआ. उस दौरान कलाप्रेमी बाल ठाकरे खुलकर माइकल जैक्सन के समर्थन में आए थे और विरोधियों को शांत कराया था.

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4 - बाल ठाकरे के पिता केशव ठाकरे सामाजिक कार्यकर्ता थे. उन्होंने सन् 1950 में संयुक्त महाराष्ट्र अभियान चलाया था और बंबई (मुंबई) को भारत की राजधानी बनाने के लिए प्रयास करते रहे. उनके प्रयासों से मुंबई देश की राजधानी भले ही न बन सकी हो, लेकिन देश की आर्थिक राजधानी जरूर बन गई  है.

5 -17 नवंबर, 2012 को बाला साहेब ठाकरे का निधन हो गया. उनकी अंत्येष्टि शिवाजी पार्क में की गई. महाराष्ट्र में लोग बाला साहेब को 'टाइगर ऑफ मराठा' के नाम से जानते थे. वे पहले ऐसे शख्स थे जिनके निधन पर बिना किसी नोटिस मुंबई वासियों ने अपनी मर्ज़ी से बंद रखा था.

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