सत्यार्थी अधिकार की बात करे तो नोबल पुरस्कार, मैं करू तो देश द्रोही
सत्यार्थी अधिकार की बात करे तो नोबल पुरस्कार, मैं करू तो देश द्रोही
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लखनऊ : उत्तरप्रदेश के कैबिनेट मंत्री आजम खान ने स्वयं को देशद्रोही कहे जाने पर आपत्ती लेते हुए कहा है कि यदि नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी यूएनओ में बच्चों के अधिकार की बात करें तो उन्हें पुरस्कार मिल जाता है। मगर देश में ही गरीबों के अधिकार की बात करना देशद्रोह कहा जाता है। उन्होंने कथिततौर पर सांप्रदायिक दलों की ओर इशारा करते हुए कहा कि मानवाधिकार की रक्षा करने के ही साथ गरीबों की रखवाली करने के साथ जिम्मेदार लोग अपने बयानों से देश में आग लगा रहे हैं। मगर इस तरह के बयान देने वालों को सजा नहीं मिली है। आजम कुछ बोल दे तो बात बड़ी बना दी जाती है। 

उन्होंने कहा कि मीडिया ने उनके बयान को भी तोड़- मरोड़कर दिखाया। उन्होंने अपने एक बयान को गलत तरह से प्रस्तुत किए जाने पर आपत्ती लेते हुए कहा कि मीडिया ने इस बयान को अलग तरह से दिखाया। उल्लेखनीय है कि उन्होंने कहा था कि मोबाईल के प्रयोग से रेप की वारदातें बढ़ी हैं।

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि मन की बात केवल कहने से नहीं सुनने से भी उन्हें सरोकार रखना चाहिए। महंगाई पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि जनता महंगाई से परेशान है और प्रधानमंत्री मोदी विश्वभर में देश की बदनामी कर रहे हैं। 

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