गुवाहाटी: असम और पश्चिम बंगाल में NRC को लेकर इस वक़्त बेहद हिंसक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। हाल ही में पश्चिम बंगाल की एक महिला के घर को इसलिए आग लगा दी गई थी कि लोगों को उन पर राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (NRC) करने का शक था। ऐसी ही घटना अब राजस्थान के कोटा शहर से प्रकाश में आई है। यहां पर नजीरन बानो ब्रजधाम इलाके में राष्ट्रीय आर्थिक जनगणना 2019-2020 के लिए आंकड़े जुटा रही थीं, जब भीड़ उन्हें CAA-NRC के लिए सर्वे करने वाली सरकारी कर्मचारी समझ बैठी।
हालांकि वह भीड़ को समझाने में सफल रहीं कि वह भी एक मुस्लिम हैं, जिसके बाद उन्हें वहां से जाने दिया गया। पुलिस ने हमले के एक आरोपी को अरेस्ट कर लिया है। पुलिस ने बताया कि भीड़ ने नजीरन का फोन छीनकर उनका पूरा डेटा डिलीट कर दिया। भीड़ चाहती थी कि वह साबित करें कि वह हकीकत में मुस्लिम हैं। इसलिए भीड़ ने नजीरन से कुरान की आयत सुनाने के लिए कहा। हालांकि जब नजीरन ने अपनी पर्स में मौजूद अयात-अल-कुर्सी दिखाया, तब उन्हें छोड़ा गया।
बानो का कहना है कि ब्रजधाम इलाके में वह घर-घर जाकर लोगों से आर्थिक जनगणना के बारे में जानकारी ले रही थीं। उन्होंने कहा कि 4-5 परिवारों ने मुझे पहले तो जानकारी दी, इसके बाद वापस बुलाया और कहा कि मैं सारा डेटा डिलीट कर दूं, क्योंकि वे कोई जानकारी नहीं देना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि, 'मैंने उन्हें समझाया कि यह आर्थिक जनगणना के आंकड़े हैं और पोर्टल पर अपलोड हो चुके हैं, लेकिन वे नहीं माने और मेरे साथ धक्का-मुक्की करने लगे।' वहीं पश्चिम बंगाल के बीरभूम में भी एक खातून के साथ इसीलिए मारपीट की गई थी, क्योंकि वो डिजिटल साक्षरता अभियान से जुड़े आंकड़े जुटा रही थी। यही नहीं उनके घर को भी आग लगा दी गई थी, हालाँकि इस मामले में किसी की गिरफ़्तारी नहीं की गई है।
RBI ने NPR को KYC से जोड़ा, मुस्लिम समुदाय ने 'दहशत' में उठाया ये कदम
आगरा में CAA के समर्थन में बीजेपी की रैली, विरोध की आशंका पर सुरक्षा बढ़ी