नई दिल्ली : असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (NRC) की सूची के सामने आने के बाद से ही राजनीतिक बयानबाजी देखने को मिल रही है और इस लिस्ट के सामने आने के बाद असम में रह रहे करीब 19 लाख लोगों पर पहचान का संकट मंडरा रहा है, तो वहीं इस पर राजनीतिक तलवारें भी खींच आईं हैं. लिस्ट पर ही सवाल उठाने वाले भाजपा के नेता हेमंता बिस्वा शर्मा और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के बीच ट्विटर पर जंग छिड़ गई है.
कैसे शुरू हुई ये जुबानी जंग ?
दरअसल, बात यह है कि असदुद्दीन ओवैसी द्वारा एक ट्वीट को रिट्वीट करते हुए हेमंता बिस्वा शर्मा पर हमला बोला गया था. बता दें कि ओवैसी ने ट्वीट किया था कि, ‘इस स्थिति से साफ होता है कि NRC का उपयोग मुस्लिमों को बाहर निकालने हेतु किया गया था. जबकि हेमंता बिस्वा शर्मा ने बताया कि किसी भी कीमत पर हिंदुओं की रक्षा की जाएगी. नागरिकों को आस्था के आधार पर बांटा नहीं जा सकता.’ हेमंता बिस्वा शर्मा ने कहा कि अगर भारत ही हिंदुओं की रक्षा नहीं करेगा तो कौन करेगा? पाकिस्तान? भारत हमेशा सताए हुए हिंदुओं के लिए घर होना चाहिए.
वहीं भाजपा नेता के बाद ओवैसी द्वारा एक और ट्वीट किया गया और लिखा गया कि भारत तो सभी भारतीयों को बचाना चाहिए, सिर्फ हिंदुओं को नहीं. संविधान में लिखा है कि भारत सभी आस्थाओं का सम्मान करेगा. ये हिंदू राष्ट्र नहीं है और कभी होगा भी नहीं.
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