कानपुरः मोदी सरकार की महत्वकांक्षी परियोजना अहमदाबाद से मुंबई के बीच बुलेट ट्रेन की जल्द शुरूआत हो सकती है। सरकार की इस परियोजना के लिए सर्वे का काम पूरा कर लिया गया है। इस ट्रेन को आईआईटी की तकनीक से चलाया जाएगा। जिसे आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिक प्रो. भारत लोहानी ने दिया है। इस तकनीक का नाम लिडार है जो काफी मददगार साबित होगी। यह तकनीक बाढ़ रोकने, जंगलों की स्थिति पता करने, हाईवे प्रोजेक्ट के लिए सर्वे करने सहित अन्य कई बड़े कामों के लिए उपयोगी साबित होगी।
प्रो. लोहानी ने हाल ही में अपनी टीम के साथ बुलेट ट्रेन के लिए अहमदाबाद-मुंबई के बीच 580 किलोमीटर की दूरी के सर्वे का काम लिडार के माध्यम से पूरा कर लिया है। अब बुलेट ट्रेन के लिए हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन ने खाका तैयार करना शुरू कर दिया है। प्रो. लोहानी ने कहा कि हेलिकॉप्टर के नीचे लिडार को सेट कर दिया जाता है और फिर जहां-जहां से गुजरेंगे, वहां नीचे की हर स्थिति मसलन नदी, खेत, जंगल सबकी रिपोर्ट फुटेज के माध्यम से कंप्यूटर में आ जाती है।
इसे देखकर आसानी से किसी भी प्रोजेक्ट को पूरा किया जा सकता है। प्रो. भारत के अनुसार, अभी तक देश में मैनुअली सर्वे होता था। मसलन 580 किमी. के भौगोलिक सर्वे में कम से कम दो से तीन साल लग जाते। मगर यही काम लिडार के माध्यम से 17 से 18 दिनों में पूरा हो गया। यह पहले के नक्शे की तुलना में अधिक विश्वसनीय भी है।
सिविल इंजीनियरिंग के प्रो. भारत ने कहा कि आईआईटी में 2009 में जियोनो नाम से स्टार्टअप कंपनी इंक्यूबेट की थी। तबसे इस तकनीक पर काम हो रहा था। अब गोरखपुर में बाढ़ के प्रभाव को रोकने के लिए काम करेंगे। यह तकनीक पूर्वी भारत जहां प्रत्येक वर्ष बाढ़ के कारण तबाही मचती है काफी मददगार साबित हो सकती है।
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