अमेरिकी वीजा फीस बढ़ाने का वित्त मंत्री ने किया विरोध
अमेरिकी वीजा फीस बढ़ाने का वित्त मंत्री ने किया विरोध
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नई दिल्ली : भारत ने अमेरिका वीजा शुल्क वृद्धि पर चिंता जाहिर कर इसे पक्षपातपूर्ण कार्रवाई बताते हुए इसे भारतीय आईटी कम्पनियों के लिए नुकसानदायक बताया. अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि राजदूत माइकल फ्रोमेन से द्विपक्षीय बैठक में यह बात वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कही.

वीजा मुद्दे पर वित्त मंत्री ने कहा कि भारत एच-1, बी और एल वीजा शुल्क में वृद्धि से चिंतित है.यह पक्षपातपूर्ण है और इसके निशाने पर भारतीय आईटी कम्पनियां हैं. गत वर्ष अमेरिकी संसद ने एच-1 बी वीजा और एल-1 वीजा पर 4500 डालर तक का विशेष शुल्क लगा दिया था.

दरअसल यह कदम 9/11 के स्वास्थ्य सेवा कानून और बायोमेट्रिक ट्रेकिंग प्रणाली के वित्त पोषण के लिए उठाया गया था. ये वीजा भारतीय आईटी कम्पनियों में खासे लोकप्रिय हैं.

वित्त मंत्रालय के बयान में जेटली के हवाले से कहा गया है कि भारत चाहता है कि अमेरिका के टोटलाइजेशन करार को जल्द से जल्द पूरा किया जाए. उद्योग के अनुमान के अनुसार भारतीय पेशेवरों ने पिछले दशक के दौरान अमेरिका में सामाजिक सुरक्षा में 25 अरब डालर का योगदान दिया है और उन्हें अपने योगदान को वापस पाने का मौका नहीं मिला.  

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