अमित शाह को क्यों कहा जाता है राजनीति का 'चाणक्य' ?
अमित शाह को क्यों कहा जाता है राजनीति का 'चाणक्य' ?
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नई दिल्ली: भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का आज (शनिवार को) जन्मदिन है। अमित शाह का जन्म आज ही के दिन 1964 को मुंबई के एक व्यापारी के घर में हुआ था। उनका परिवार गुजराती हिंदू वैष्णव बनिया था। उनकी मां का नाम कुसुमबेन और पिता का नाम अनिलचंद्र शाह है। मेहसाणा में शुरूआती पढ़ाई करने के बाद वे अहमदाबाद गए। जहां से उन्होंने बायोकेमिस्ट्री में BSc की पढाई की। उसके बाद अमित शाह प्लास्टिक के पाइप का पारिवारिक कारोबार संभालने लगे। वे कम उम्र में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ गए थे। वर्ष 1982 में कॉलेज के दिनों में अमित शाह की मुलाकात नरेंद्र मोदी से हुई, जिसके बाद 1983 में वे भाजपा के स्टूडेंट विंग अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) में शामिल हो गए और छात्र जीवन से ही उनका राजनीतिक रूझान बनना शुरू हो गया।

1987 में अमित शाह एक राजनेता के रूप में भाजपा में शामिल हुए और पार्टी ने उन्हें युवा मोर्चा का सदस्य बनाया। शाह को पहला बड़ा सियासी अवसर 1991 में मिला। उन्हें भाजपा के वयोवृद्ध नेता लाल कृष्ण आडवाणी के लिए गांधीनगर संसदीय क्षेत्र में चुनाव प्रचार का जिम्मा सौंपा गया। वर्ष 1996 में अटल बिहारी वाजपेयी ने गुजरात से चुनाव लड़ा, उस समय भी अमित शाह ने उनके चुनाव प्रचार का कार्य संभाला था। पेशे से स्टॉक ब्रोकर अमित शाह ने 1997 में गुजरात की सरखेजा विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में जीत दर्ज की थी। 1999 में अमित शाह अहमदाबाद डिस्ट्रिक्ट कोऑपरेटिव बैंक के अध्यक्ष चुने गए। 2009 में गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष भी रहे। 2003 से 2010 तक अमित शाह ने गुजरात सरकार की कैबिनेट में गृह मंत्रालय का जिम्मा भी संभाला। 

गुजरात के सरखेज सीट से शाह 4 भी MLA रहे। वे पीएम नरेंद्र मोदी के करीबी माने जाते हैं। शाह उस समय सुर्खियों में आए, जब 2004 में अहमदाबाद के बाहरी इलाके में कथित रूप से एक फर्जी एनकाउंटर में इशरत जहां, जीशान जोहर, अमजद अली राणा और प्रणेश का क़त्ल हुआ। गुजरात पुलिस का दावा था कि 2002 में गोधरा के बाद भड़के दंगों का बदला लेने के लिए ये लोग नरेंद्र मोदी की हत्या करने आए थे। इस मामले में गोपीनाथ पिल्लई ने कोर्ट में एक आवेदन देकर अमित शाह को भी आरोपी बनाने का आग्रह किया था। हालांकि 15 मई 2014 को CBI की स्पेशल कोर्ट ने अमित शाह के विरुद्ध पर्याप्त सबूत नहीं होने पर याचिका को खारिज कर दिया। 

सोलहवीं लोकसभा चुनाव के करीब 10 माह पूर्व शाह को भाजपा ने उत्तरप्रदेश का प्रभारी नियुक्त किया। तब राज्य में भाजपा के पास महज 10 लोकसभा सीटें थी। उनके संगठनात्मक कौशल और नेतृत्व क्षमता के बल पर पार्टी ने 2014 के लोकसभा में 71 सीटों पर शानदार जीत दर्ज की। यह भाजपा यूपी में अबतक की सबसे बड़ी जीत थी। इस जीत के बाद पार्टी के अंदर शाह का कद बढ़ा और उन्हें अध्यक्ष नियुक्त कर दिया गया। अमित शाह के कुशल राजनितिक कौशल को देखते हुए उन्हें राजनीति का चाणक्य कहा जाने लगा। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में अमित शाह को केंद्रीय गृहमंत्री का जिम्मा सौंपा गया है। गृहमंत्री का पद संभालते ही उन्होंने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाकर अपने इरादे स्पष्ट कर दिए थे। इसके बाद उत्तर पूर्व के राज्यों में पनप रहे उग्रवाद को भी शाह ने बड़े ही कूटनीतिक तरीके से ख़त्म किया।  

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