नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) अपने ड्रीम प्रोजेक्ट आर्टेमिस-1 मिशन को आज सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया है। जी हाँ, आपको यह भी बता दें कि नासा का ये तीसरा प्रयास था। जी दरअसल इससे पहले मिशन को दो बार लॉन्चिंग कर रद्द कर दिया गया था। आपको बता दें कि आज भी रॉकेट से हाइड्रोजन से रिसाव हो रहा था जिसके बाद कुछ देर के लिए लॉन्चिंग को टाल दिया गया था। हालाँकि नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) के इंजीनियरों ने कभी हाइड्रोजन ईंधन के रिसाव की वजह नहीं बताई। इस बार इस कमी को दूर किया गया।
We are going.
— NASA (@NASA) November 16, 2022
For the first time, the @NASA_SLS rocket and @NASA_Orion fly together. #Artemis I begins a new chapter in human lunar exploration. pic.twitter.com/vmC64Qgft9
आपको यह भी बता दें कि आज नासा के लिए बहुत ऐतिहासिक दिन है। ऐसा इसलिए क्योंकि बीते दो बार से लगातार लॉन्चिंग फेल हो रही थी और इसके लिए नासा ने ईंधन लाइनों पर दबाव कम करने और सील को मजबूत बनाए रखने के लिए ईंधन भरने में लगने वाले समय को करीब एक घंटे बढ़ा दिया था। हालाँकि इसके बाद से ऐसा लगने लगा था कि यह कदम कारगर साबित हो रहा है, हालाँकि छह घंटे की प्रक्रिया के खत्म होते-होते, रुक-रुककर हाइड्रोजन का रिसाव शुरू हो गया। अब कुछ देर पहले इसको सफलता पूर्वक लॉन्च कर दिया गया है। 1972 के बाद अब चांद पर इंसान को भेजने की तैयारी हो रही है।
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आपको बता दें कि दूसरी बार लॉन्चिंग के दौरान वैज्ञानिकों को लॉन्च से कुछ घंटे पहले ही रॉकेट में फ्यूल लीकेज का पता चला था और इसके पहले भी फ्यूल लीकेज और इंजन में गड़बड़ी के कारण इस रॉकेट की लॉन्चिंग टाली जा चुकी थी। वहीं तीसरी बार इसको चंद्रमा पर भेजने की फिर से तैयारी की गई लेकिन मौसम से साथ नहीं दिया था। जी दरअसल तीसरी बार मिशन को लॉन्च ही नहीं किया गया था। इस वजह से इस बार जो लॉन्चिंग हो रही है उसे तीसरी बार कहा जा रहा है।
वैसे देखा जाए तो ये चौथी बार होगा। वहीं इसके तहत स्पेस लॉन्च सिस्टम रॉकेट और ऑरियन कैप्सूल को 42 दिनों के मिशन के लिए चंद्रमा के करीब भेजा जाना था। आपको यह भी पता होगा कि नासा के लिए यह मिशन इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि आर्टेमिस के जरिए इंसान 50 साल बाद चंद्रमा पर वापसी करने जा रहा है। जी दरअसल नासा के आर्टेमिस मिशन का लक्ष्य 2025 की शुरुआत में पहली महिला ( First woman and First Person of Colour) के पहले व्यक्ति को चंद्रमा पर भेजना है।
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