बैंकों की हड़ताल से प्रभावित हुआ 15 हजार करोड़ का लेन-देन
बैंकों की हड़ताल से प्रभावित हुआ 15 हजार करोड़ का लेन-देन
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नई दिल्ली : शुक्रवार को देश भर के सभी सरकारी बैंकों के कर्मचारी बैंकिंग क्षेत्र में सुधार से जुड़ी नीतियों के खिलाफ हड़ताल पर रहे. इससे आम लोगों को तो परेशानी हुई ही साथ ही करीब 15 हजार करोड़ का लेन-देन प्रभावित हुआ. बता दें कि यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) के आह्वान पर शुक्रवार को आयोजित इस हड़ताल से देश भर में 80 हजार बैंक ब्रांचों में कामकाज पर असर पड़ा. यूएफबीयू में एनओबीडब्ल्यू समेत नौ बैंक यूनियनें शामिल हैं, लेकिन निजी बैंकों में काम हुआ.

उधर केंद्र सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि इस हड़ताल से उसकी नीतियों पर कोई असर नहीं पड़ेगा. भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की मुखिया अरुंधति भट्टाचार्य ने भी बैंककर्मियों को सलाह दी है कि उन्हें बदलते वक्त के साथ कदमताल की कोशिश करनी चाहिए. शुक्रवार को जब यहां अरुंधति से बैंक हड़ताल से कामकाज पर पड़ने वाले प्रभाव पर उन्होंने कहा कि इससे बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ा है. कर्मचारी जिस आधार पर विरोध कर रहे हैं, वह अनुचित है. उन्हें बदले माहौल को स्वीकार करना चाहिए, जबकि बैंक कर्मचारियों के संगठन सरकारी बैंको के विलय और निजीकरण का विरोध कर रहे हैं.

सरकार ने हाल ही में सबसे पहले एसबीआई में इसके पांच सहयोगी बैंकों और भारतीय महिला बैंक के विलय का फैसला किया है. इस निर्णय से भी कर्मचारी खासे नाराज हैं. उधर, उद्योग चैंबर एसोचैम का कहना है कि सरकारी बैंक पहले से ही मुसीबत में हैं. उनका घाटा बढ़ रहा है. फंसे कर्जे (एनपीए) की स्थिति खराब हो रही है. इस तरह से बैंकिंग गतिविधियों के पूरी तरह से ठप होने से उनके कामकाज पर काफी ज्यादा असर होगा. चैंबर का अनुमान है कि शुक्रवार को हुए हड़ताल से 12,000 करोड़ से 15,000 करोड़ रुपये के लेनदेन पर असर पड़ा है

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