आकाश सी ऊंचाई वाले ज़मीन से जुड़े वैज्ञानिक थे डॉक्टर कलाम !
आकाश सी ऊंचाई वाले ज़मीन से जुड़े वैज्ञानिक थे डॉक्टर कलाम !
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पिछले साल आज ही के दिन यानी 27 जुलाई 2015 को हमने अपने पूर्व राष्ट्रपति और भारत रत्न डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को खोया था. मिसाइल मैन के नाम से मशहूर डॉ कलाम को उस समय दिल का दौरा पड़ा जब वे शिलांग स्तिथ भारतीय प्रबंधन संस्थान के छात्रों को संबोधित कर रहे थे. हरदिल अजीज डॉ कलाम दरअसल आकाश सी ऊंचाई वाले ज़मीन से से जुड़े वैज्ञानिक थे.

कलाम साहब एक ज़िंदा दिल इंसान थे जो हमेशा ही देश के युवाओं की मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहते थे. राष्ट्रपति पद से हटने के बाद भी वह लगातार युवाओं को प्रेरणा देने के लिए सदैव तत्पर रहते थे. कलाम साहब का कहना था कि सपने वो नहीं जो नींद में आएं सपने ऐसे हों जो आपकी नींद उड़ा दें.’ वे यह भी कहते थे “आओ, हम अपना आज कुर्बान करे जिससे हमारे बच्चों का कल बेहतर हो"

वस्तुतः डॉ एपीजे अब्दुल कलाम आकाश सी ऊंचाई वाले जमीन से जुड़े वैज्ञानिक थे. राष्ट्रपति के रूप में भारत के सबसे शीर्ष पद पर रहते हुए भी ए.पी.जे.अब्दुल कलाम ने समाज के हर तबके के साथ सहानुभूति दिखाई और कभी भी आडंबर का प्रदर्शन नही किया. राष्ट्रपति अब्दुल कलाम की मौत ने हर हिन्दुस्तानी को झकझोरा कर रख दिया था. उनका पूरा जीवन सादगी और हर दिन प्रेरणा से भरा होता था.

पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम के बारे में कई ऐसी बातें है जो बहुत कम लोग जानते है. आइये ऐसी ही कुछ बातों पर नज़र डाल लेते है. सन 2002 से 2007 तक देश के 11 वें राष्ट्रपति के रूप में अपना कार्यकाल पूरा करने वाले कलाम साहब का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को दक्षिण भारतीय राज्य तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था. कलाम के पिता के पास उन्हें पढ़ाने के लिए पैसे नहीं थे, इसलिए उन्हें पढ़ाई करने के लिए अखबार बेचने का काम करना पड़ा.

1997 में भारत सरकार ने कलाम साहब को देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से नवाज़ा. वह 1992 से 1999 तक रक्षा सलाहकार भी रहे. साल 1998 में पोकरण में हुए परमाणु टेस्ट में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी. मिसाइल मैन के नाम से मशहूर एपीजे अब्दुल कलाम स्वदेशी मिसाइल को डिजाइन किया. उन्होंने अग्नि और पृथ्वी जैसी मिसाइलें भारतीय तकनीक से बनाईं. इसलिए वे मिसाइलमैन के नाम से विख्यात हुए.

कलाम साहब ने हमेशा युवाओं को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहन दिया. उन्होंने कभी भी राजनीति नहीं की मगर सभी सियासी पार्टी के नेता उनका सम्मान करते थे. आज भौतिक रूप से भले ही डॉ कलाम हमारे बीच में नहीं है, लेकिन वे पूरे देशवासियों के दिल में हमेशा बने रहेंगे और उनके द्वारा दिए गए ध्येय वाक्यों पर युवा पीढ़ी चलती रहेगी.

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