ताडेपल्ली : बीते कल यानी 29 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस था. इस दिन मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने वन विभाग की तरफ से तैयार किये गये पोस्टर और ब्राउजर को कैंप कार्यालय में जारी कर दिया. वहीं उस समय अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को प्रदेश में बाघ की सुरक्षा और संरक्षण क्षेत्रों के लिए किये जाने वाले उपाय तथा अन्य कार्यक्रमों की जानकारी भी दे दी. इस दौरान अधिकारियों ने सीएम को बताया कि 3727.82 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैल चुके नागार्जुना सागर-श्रीशैलम टाइगर रिजर्व फारेस्ट देश में सबसे बड़ा है. उन्होंने यह भी कहा कि इस समय नागार्जुना सागर-श्रीशैलम टाइगर रिजर्व फारेस्ट में लगभग 60 बाघ हैं.
जी दरअसल अधिकारियों ने इस बारे में भी बात करते हुए कहा कि, 'विश्व में बाघों की संख्या में कमी आ रही है. मगर प्रदेश में किये जा रहे संरक्षण कार्यक्रमों के चलते बाघों की संख्या में वृद्धि हो रही है.' इसके अलावा अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को यह भी बताया कि 'नागार्जुना सागर-श्रीशैलम टाइगर रिजर्व फारेस्ट में बाघ और अन्य पशुओं की संरक्षण में 'आदिम चेंचु' गिरीजन समुदाय की महत्वपूर्ण भूमिका है.' इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि आदिम चेंचु समुदाय के सहयोग से वन संपदा की सरंक्षण के लिए किये जा रही भूमिका को देखते हुए भारत सरकार और नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी ने एक्सीलेंस अवार्ड भी दिया गया है.
वैसे इसी बीच मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी बाघों की सरंक्षण के लिए जा रहे कार्यक्रमों के प्रति वन विभाग के अधिकारियों को मुबारकबाद दी. आपको बता दें कि इस कार्यक्रम में वन व प्रर्यावरण विभाग के स्पेशल सीएस नीरब कुमार, प्रिंसिपल चीफ कंजर्वेटर ऑफ फेरेस्ट एन प्रतीप कुमार और अन्य वन अधिकारी शामिल रहे थे.
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